प्रयागराज (ब्यूरो)। वैक्सीनेशन के लिए शहर के सात बड़े अस्पतालों को चयनित किया गया था। पहले दिन सोमवार को कुल तीस हॉस्पिटल में वैक्सीन लगाने का काम शुरू हुआ। इसमें बीस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल हैं। वैक्सीन लगवाने के लिए बेली और एसआरएन हॉस्पिटल में किशोरों की लंबी कतार लगी रही। कतार में खड़े तमाम किशोर वैक्सीनेशन कि लिए पहले ही रजिस्ट्रेशन करा चुके थे। रजिस्ट्रेशन कराए बगैर हॉस्पिटल पहुंचे किशोरों का तत्काल काउंटर पर ही रजिस्ट्रेशन किया गया। यहां रजिस्ट्रेशन के लिए उनके आधार कार्ड या हाईस्कूल के प्रमाण पत्र मांगे गए।

बेली हास्पिटल

बेली हॉस्पिटल शाम चार बजे तक 200 के करीब किशोर वैक्सीन लगवा चुके थे। एसआरएन हॉस्पिटल में वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या 100 के ऊपर रही। हॉस्पिटल तक वैक्सीन लगवाने के लिए कुछ अकेले तो तमाम किशोर अपने अभिभावक संगे पहुंचे। मंगलवार से वैक्सीनेशन के लिए इनकी संख्या बढऩे का अनुमान लगाया गया।

बगैर मास्क नहीं मिली इंट्री

हॉस्पिटल में लगाए गए वैक्सीन व रजिस्ट्रेशन काउंटर तक जाने की इजाज बगैर मास्क वालों को नहीं थी। बगैर मास्क किसी को भी गेट के अंदर प्रवेश नहीं मिल रहा था। वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे जिनके पास मास्क नहीं था उन्हें खरीद कर लगाना पड़ा। हॉस्पिटल में वैक्सीन लगाने के बाद स्वास्थ्य कर्मचारी कोविड से सुरक्षा के तरीके भी बताते रहे। घर से निकलते ही मास्क के प्रयोग और सोशल डिस्टेंस के पालन की भी हिदायत दिए। हाथ को साबुन से धुलते रहने और सेनेटाइजर के प्रयोग का भी सुझाव दिए।

वैक्सीनेशन तो बहुत जरूरी है। 15 से 18 वर्ष में हम भी आते हैं। वैक्सीनेशन से भागने के बजाय उसे अपनाने की जरूरत है। कोरोना फिर से बढ़ रहा है। पढ़ाई के लिए हम सब को कोचिंग जाना पड़ता है। स्कूल व कोचिंग न भी जाना तो बाहर निकलते ही हैं। ऐसे में कोरोना से सुरक्षा बेहद जरूरी है।

अनुराग तिवारी, सोहबतियाबाग

हम सब इसके पहले कोरोना के प्रभाव का दृश्य देख चुके हैं। इसके बाद भी वैक्सीनेशन न कराएं तो अच्छी बात नहीं है। हम सब को वैक्सीन लगवाना चाहिए। मेरी एज 17 साल है। मैं वैक्सीन लगवाया, हमें तो कोई दिक्कत नहीं महसूस हो रही है। बहाना करने के बजाय वैक्सीन लगवाने की जरूरत है।

शिवेंद्र सिंह, सोहबतियाबाग

वैक्सीन को लेकर डरने जैसी कोई बात ही नहीं है। तमाम लोग इसके पहले भी लगवा चुके हैं। डर किस बात की, सरकार लगवा रही है, डॉक्टर लगा रहे हैं। इसमें डरने का क्या मतलब है। हमें तो कोई डर नहीं लगा। हमारे पापा साथ आए हैं। कोरोना फिर से बढऩे लगा है। अपनी सुरक्षा का जिम्मेदारी हमें ही उठाना है।

मन्निका पाठक, म्योहाल

जब से सुने हैं कि 15 से 18 वर्ष को भी टीका लगेगा, हम वैक्सीनेशन के शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। हॉस्पिटल के वैक्सीनेशन सेंटर पर कोई दिक्कत नहीं है। वैक्सीन तो सभी को लगवाना है। ऐसे में भीड़ तो होगी ही। थोड़ा इंतजार करने में क्या हर्ज है। मेरी राय तो यही है सर कि सभी को वैक्सीन लगवा लेना चाहिए।

रिद्धमा देवी, म्योहाल