प्रयागराज ब्यूरो । साठ दिन बाद जिले के अंदर दौड़ रही 251 चुनिंदा सरकारी गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो जाएगा। एक तरह से यह सभी गाडिय़ां कबाड़ में तब्दील हो जाएंगी। इनमें बिजली विभाग, पुलिस विभाग, रेलवे विभाग, मेडिकल डिपार्टमेंट, द कमिश्नर एक्साइज व अन्य विभागों तक की गाडिय़ां शामिल है। अगर समय रहते इन विभागों में नई गाडिय़ां नहीं आई तो विभाग के कर्मचारियों को पैदल ही आना-जाना पड़ेगा। बता दें सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों के पंद्रह साल से अधिक पुराने वाहन और परिवहन निगमों और सार्वजनिक उपक्रमों की पुरानी बसों का रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल से समाप्त कर उन्हें कबाड़ बना दिया जाएगा। इन सभी गाडिय़ों को रजिस्टर्ड स्क्रैप सेंटर पर नष्ट कर दिया जाएगा। इस बाबत दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने आरटीओ ऑफिस से सिर्फ चुनिंदा सरकारी गाडिय़ों का डाटा निकाला तो चौकाने वाला आंकड़ा व नाम सामने आया। पेश है विनय कुमार सिंह की खास रिपोर्ट
सीआरपीएफ/आरएएफ के सामने बड़ी मुसीबत
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने गाडिय़ों का डाटा निकाल जमीनी हकीकत पर साठ दिन बाद होने वाली परेशानियों का पड़ताल किया। इस दौरान देखा गया कि सीआरपीएफ व आरएएफ के सामने एक बड़ी मुसीबत खड़ी होने जा रही है। जिले के अंदर सीआरपीएफ व आरएएफ को दो दर्जन से अधिक बस मिली है। जिसमें 14 बस एक बार में ही कबाड़ होने जा रही है। अगर एक अप्रैल से यह नया नियम लागू हुआ तो। यह वाहन यूपी70डी8745, यूपी70डी9249, यूपी70डी9762 है। वहीं इन वाहनों का यूपी70एजी0935, यूपी70एजी0936, यूपी70एजी0937, यूपी70एजी0938, यूपी70एजी0939, यूपी70एजी0940, यूपी70एजी0941, यूपी70एजी0942, यूपी70एजी1019, यूपी70एजी1020, यूपी70एजी1021, यूपी70एजी1022, यूपी70एजी1023 और यूपी70एजी1024 का फिटनेस खत्म है। सीआरपीएफ की प्राथमिक भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य/संघ शासित प्रदेशों की सहायता, कानून व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित है।
46 एंबुलेंस की भी घट जाएगी संख्या
यह ही नहीं जिले के अंदर मेडिकल डिपार्टमेंट के अंडर में लगे 26 एंबुलेंस भी कबाड़ हो जाएंगे। इन एंबुलेंस के जाने से एंबुलेंस की संख्या में भारी गिरावट आएगा। क्योंकि इनमें से इक्का-दुक्का गाडिय़ों को एंबुलेंस को छोड़कर सभी सड़कों पर दौड़ रही है। मेडिकल डिपार्टमेंट के अफसरों से बातचीत पर वह भी चिंतित है। इन एंबुलेंस ने कोरोना काल के समय बड़ी भूमिका के रूप में निभाया था। कुछ वाहनों के नंबर यूएचवी0046, यूएचवी0916, यूएचवी3950 मौजूद है। वहीं इन एंबुलेंस यूपी41जी0630, यूपी41जी0631, यूपी41जी0631, यूपी41जी0632, यूपी41जी0633, यूपी41जी0634, यूपी41जी0635, यूपी70एजी0023, यूपी70एजी0139 व तमाम अन्य एंबुलेंस का फिटनेस खत्म तक है।
थानों पर अटैच जीप हो जाएंगी कम
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने जब पुलिस विभाग व थानों में अटैच गाडिय़ों की स्थिति चेक किया तो चौकाने वाला था। कम से कम ढाई सौ के करीब गाडिय़ां कम हो जाएंगी। जिनमें थानों में अटैच पुरानी जीप तक शामिल है। जिनकी संख्या पचास के करीब है। जो थानों के साथ वीआईपी डयूटी में दौड़ रही है। यह सभी गाडिय़ां चालू व धक्का कंडीशन पर वर्क कर रहे है। जिसका इस्तेमाल होने से बड़ी मदद मिल रही है। रात में गश्त तक पुरानी जीप कर रही है। कुछ गाडिय़ों के नंबर यूपी70एक्स4558, यूपी70एक्स4559, यूपी70एक्स8263, यूपी70वाई3109, यूपी70जेस्ट 6650 मौजूद है।
प्रशासनिक अधिकारियों को भी होगी फजीहत
इसी क्रम में जब प्रशासनिक कार्यों में लगे गाडिय़ों का जायजा लिया गया तो यहां भी आलम कुछ ऐसा ही मिला। यहां करीब सौ के आसपास ऐसी गाडिय़ां है जो पंद्रह साल कब की पूरा कर चुकी हैं बावजूद सड़कों पर दौड़ रही हैं। इनमें ज्यादातर एडीएम, सूचना विभाग, विकास विभाग के अफसरों को लेकर दौड़ रही है। कुछ नंबर यूपी70एए0558, यूपी70एबी6226, यूपी70एबी7608 इस तरह मौजूद है। आरटीओ ऑफिस के अनुसार 772 सरकारी गाडिय़ां ऐसी है। जिनका फिटनेस खत्म है। फिर भी सड़कों पर दौड़ रही है।