.प्रयागराज (ब्यूरो)। बता दें कि 22 मार्च 2020 को कोरोना की आहट के बाद स्कूल कॉलेज बंद करने का सिलसिला शुरू हो गया था। 29 मार्च को कम्प्लीट लॉकडाउन घोषित होने के बाद यूनिवर्सिटी को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इसके चलते एनुअल एग्जाम को पोस्टपोंड कर दिया गया। बाद में यूनिवर्सिटी ने पिछले साल के रिकॉर्ड के आधार पर छात्रों को प्रमोट करने का फैसला लिया। इस बीच क्लासेज का संचालन आनलाइन किया जाता रहा। संयोग से 2021 में स्थिति सामान्य होती इससे पहले ही कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी। इसके चलते लगातार दूसरे साल एलुअल एग्जाम पर ग्रहण लग गया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हॉस्टल्स को खाली करने का आदेश दे दिया। इस बीच जो छात्र हॉस्टल्स में रह गये थे उन्हें चेतावनी दी गयी कि जुर्माना भरना अनिवार्य होगा। जुर्माना न भरने की स्थिति में उनकी डिग्री रोक दी जाएगी।
स्थिति सामान्य हुई तो उठी फिजिकल क्लास की मांग
कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने पर अनलाक शुरू हो गया। अगस्त में स्थिति काफी हद तक सुधर गयी तो सार्वजनिक स्थानों पर निश्चित गैदरिंग को एलाऊ कर दिया गया। इसके बाद स्कूलों को खोल दिया गया। यह देखकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी फिजिकल क्लासेज शुरू करने के लिए प्रेशर बनाना शुरू कर दिया। अक्टूबर तक यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इस मुद्दे पर वेट एंड वॉच की स्थिति में रहा। स्थितियां लगातार सुधरने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 17 दिसंबर से सभी कोर्सेज की आफलाइन क्लासेज शुरू करने का फैसला लिया। इसके पहले नवंबर में ही रिसर्च और पीजी की क्लासेज का संचालन शुरू कर दिया गया था।
जुर्माने पर हो चुका है आंदोलन
कोरोना काल के दौरान हॉस्टल में रुके रहे छात्रों पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 15 हजार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है। इसके खिलाफ छात्र इस महीने में बगावती तेवर दिखा चुके हैं। छात्र अनशन पर बैठे तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें राहत दी और पांच हजार रुपये प्रत्येक छात्र को जुर्माना जमा करने का आदेश दिया। कैंपस में छात्र संघ बहाली का मुद्दा अभी भी गरम है। इन सब के बाद भी फिजिकल क्लासेज का संचालन शुरू होने को लेकर छात्र उत्साहित दिखे। खास तौर से वे छात्र जिन्होंने पिछली और इस साल यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया है। इन दोनों ने अभी तक यूनिवर्सिटी का मुंह नहीं देखा है।
छात्र-शिक्षकों के लिए गाइड लाइन
कैंपस में सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का सख्ती से पालन करना होगा।
सभी कर्मचारियों (संकाय और गैर शिक्षण कर्मचारी और छात्रों सहित) का टीकाकरण करवाना अनिवार्य है।
जिनका अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है, उन्हें जल्द से जल्द दोनों टीके लगवाने होंगे
सभी संकाय सदस्यों का यह कर्तव्य होगा कि वे कक्षा में प्रवेश की अनुमति देने से पहले अपने संबंधित छात्रों के टीकाकरण प्रमाण पत्र की जांच करें।
प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य उचित स्थानों जैसे प्रवेश द्वार आदि पर भी टीकाकरण प्रमाण पत्र की जांच करेंगे।
सभी अधिकारियों (संकाय और गैर-शिक्षण) को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी गयी। सभी से कहा गया है कि सांस संबंधी बीमारियों और बुखार पर विशेष ध्यान दें
अस्वस्थ महसूस करते हैं, तो अपने रिपोर्टिंग अधिकारी को सूचित करने के बाद कार्यस्थल छोड़ दें।
परिसर में थूकना सख्त वर्जित है।
कक्षाएं ऑनलाइन/ऑफ लाइन के हाइब्रिड मोड़ यूजीसी की नवीनतम कोविड गाइडलाइन्स का पालन करते हुए चलेंगी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार एवं एकाउंट के प्रशासनिक कार्यालय शीतलावकाश में खुले रहेंगे। शीतलावकाश 20 दिसंबर से 31 दिसंबर तक रहेगा।
कोविड गाइड लाइंस को फॉलो करते हुए क्लासेज चलेंगी। विंटर वेकेशन के समय एडमिशन और फीस जमा होने का कार्य जारी रहेगा। विभिन्न कोर्सेज के समन्वयक एवं टीम निश्चित दिनों में उपस्थित होंगी।
जया कपूर
पीआरओ, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी