बार के स्टडी रूम में पूर्व अफसर व वरिष्ठ वकीलों की आज होगी बैठक
शिक्षा सेवा अधिकरण की मुख्य पीठ प्रयागराज में स्थापित न होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों की नाराजगी कायम है। प्रदेश सरकार के खिलाफ शुक्रवार को वकीलों ने पदयात्रा निकालकर विरोध प्रकट किया। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के बैनर तले निकली पदयात्रा विभिन्न मार्गो से होते हुए सुभाष चौराहा पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई। वक्ताओं ने प्रदेश सरकार के निर्णय को कानून के विरुद्ध बताते हुए उसका विरोध जारी रखने पर जोर दिया।
न्याय पालिका के क्षेत्राधिकार में दखल
एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा व राकेश पांडेय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा अधिकरण में मनमाना निर्णय लेकर न्यायपालिका के क्षेत्राधिकार में दखल देने का कुत्सित प्रयास किया है। इसके जरिए शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों को कोर्ट आने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता ओमप्रकाश सिंह, सीएल पांडेय, गोविंद कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में हाईकोर्ट में शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारी कर्मचारियों के मुकदमों की सुनवाई के लिए 10 से 12 बेंच न्याय देने का कार्य कर रही है। लेकिन, सरकार न्यायमूर्तियों के स्थान पर सेवानिवृत्त अधिकारियों को यह दायित्व सौंपना चाहती है जो गलत है। वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह, इंद्रकुमार चतुर्वेदी व टीपी सिंह ने कहा कि कानून के विरुद्ध होने वाले किसी निर्णय को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्रनाथ सिंह व संचालन महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने किया।
सोमवार को भी कार्य बहिष्कार का निर्णय
एसोसिएशन ने शनिवार को स्टडी रूम में पूर्व अफसरों व वरिष्ठ अधिवक्ताओं की बैठक बुलाई गई है। संयुक्त सचिव प्रेस राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को भी न्यायिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। कैट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जितेंद्र नायक के नेतृत्व में हाईकोर्ट के वकीलों की पदयात्रा का समर्थन किया गया। इंटरनेशनल एडवोकेट काउंसिल ने भी अधिकरण को प्रयागराज में स्थापित कराने के लिए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया।