प्रयागराज ब्यूरो । आईईआरटी में इंजीनियरिंग के सात डिग्री कोर्सेज के लिए सीटों का पंजीकरण अंतिम दौर में है। यह 24 जुलाई से पांच अगस्त तक चलेगा। मात्र तीन दिन का मौका बाकी है। यही कारण है कि ऑनलाइन पंजीकरण में अभ्यर्थियों की सहायता के लिए कॉलेज प्रशासन ने हेल्प डेस्क भी बना दी है। जानकारी के मुताबिक अब तक सौ से अधिक ने अपना पंजीकरण कराया है। आने वाले दिनों में इनकी संख्या में इजाफा भी तय माना जा रहा है। सभी सात कोर्सेज में सीटों की संख्या कुल 593 है।

एक हजार करना होगा जमा
कॉलेज प्रशासन ने कैंपस स्थित कम्प्यूटर लैैब में हेल्प डेस्क बनाया है। यहां पर दो टीचर्स को तैनात किया गया है। छात्रों को रजिस्टे्रशन के लिए मात्र एक हजार रूपए रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा करना होगा जो यूपीटीएसी के खाते मे जाएगा। जो छात्र इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके हैं उनका डिग्री कोर्सेज में सीधे सेकंड ईयर में एडमिशन हो जाएगा। इसे लेटेंट सीट कहते हैं। इसकी सुविधा भी आईईआरटी में उपलब्ध कराई गइ्र है।
कहां हैं कितनी सीटें
आईईआरटी मे सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन इंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमेंटल एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग समेत कुल सात विषयों मे छात्रों को पढाई कराई जाती है। इनमे सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर सांइस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमेंटल एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग इन सभी विषयों की आईईआरटी मे 60 सीटें है। जबकि इड्रस्ट्रीयल प्रोडक्शन इंजीनियरिंग मे 52 सीटें है।
यह है एडमिशन की प्रक्रिया
- दस अगस्त से छात्र विषयों का चयन कर सकेगें।
- छात्रों के लिए उनके चुने हुए विषयों की सीट का आवंटन 14 अगस्त से होगा।
- डिग्री कोर्स की फीस एससी और एसटी के लिए 12000 रूपए है।
- जनरल और ओबीसी के लिए डिग्री कोर्स मे फीस 20000 रूपए है।
- शुल्क जमा करते वक्त छात्रों के सामने दो आप्शन होंगे। पहला आप्शन फ्रीज का और दूसरा आप्शन फ्लोट का है।
- छात्र को उसके पसंद का विषय मिल गया है तो उसके फ्रीज का आप्शन चुनते ही फीस जमा हो जाएगी, अगर किसी छात्र को लगता है की उसके पंसद का विषय नहीें मिला है तो वह फ्लोट का आप्शन चुन कर अपने पसंदीदा विषय मे सीट आवंटित होने का इंतजार कर सकता है।


रोजाना दस से पंद्रह छात्र हेल्पडेस्क पर पंजीकरण कराने के लिए आते है। उनकी क्वेरीज साल्व करने के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। जिसका लाभ छात्रों को मिल रहा है।
महेश मिश्रा
डिप्टी रजिस्ट्रार
आईईआरटी