प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रयागराज के एडीजी जोन व सीनियर आईपीएस अफसर प्रेम प्रकाश ने करीब 3 महीने पहले 'लॉ प्रेम प्रकाशÓ के नाम से यूट्यूब चैनल की शुरुआत की थी। उनके यूट्यूब चैनल पर अब तक 52 लाख से ज्यादा इंप्रेशंस आ चुके हैं। वहीं, 11 हजार से ज्यादा लोग इस चैनल को सब्सक्राइब कर चुके हैं। इन तीन महीने के अंतराल के दौरान कई ऐसे वीडियो बनाकर पोस्ट भी कर चुके हैं। जिनसे लोगों को काफी फायदा भी मिला है। जानकारी हासिल करने के बाद हजारों की संख्या में लोगों ने तमाम सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर शेयर भी किये हैं।


लाखों में हैं वीडियोज के व्यूज
इस चैनल के माध्यम से सीआरपीसी और आईपीसी और जुवेनाइल एक्ट के बारे में बताया गया है। कुछ वीडियोज ऐसे हैं जिनके व्यूज लाखों में हैं। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि काम-काज के दौरान जैसे ही थोड़ा समय मिलता है, वो वीडियो शूट करवा लेते हैं। इसके बाद एक टीम है, जो उसे चैनल पर अपलोड कर देती है। एक वीडियो को शूट करने में पांच से 10 मिनट लगते हैं। यह वीडियो बनाने का सिर्फ मकसद युवाओं को कानूनी बारीकियों से रूबरू कराना और बताना कि आखिर पुलिस एफआईआर दर्ज न करें तो क्या करें?

1993 बैच के हैं अफसर
उन्होंने बताया कि अधिकांश युवा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। अक्सर इस प्लेटफार्म पर पुलिस द्वारा सुनवाई नहीं करने की शिकायत आती रहती है। थानेदार मेरी एफआईआर नहीं लिख रहा है। इस तरह की शिकायतें थानों से भी आती रहती हैं। यहीं से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को कानून और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का मन बनाया। यह ही नहीं सीनियर आईपीएस प्रेम प्रकाश अपने बेहतर पुलिसिंग के लिए भी जाने जाते हैं। अन्य पुलिसकर्मी उनके इसी स्टाइल को कॉपी भी करना पसंद करते हैं।

- सीनियर आईपीएस प्रेम प्रकाश दिल्ली के रहने वाले हैं
- उन्होंने बीटेक करने के बाद पुलिस मैनेजमेंट में एमडी का कोर्स भी किया है।
- प्रेम प्रकाश लखनऊ, कानपुर, आगरा, मुरादाबाद, एनसीआर समेत कई जिलों में कप्तान रह चुके हैं।
- बेसिक पुलिसिंग में उन्हें महारत हासिल है, सरकार द्वारा सम्मानित हो चुके है
- रात्रि में अचानक गश्त पर निकल जाना, थानों पर फरियादी तक बन कर पहुंच जाते है
- औचक निरीक्षण के दौरान दुरुस्त पुलिसिंग मिलने पर पुलिस कर्मियों को पुरस्कार भी देते है
- मीडिया के प्रति फ्रेंडली नेचर और बदमाशों के लिए शामत बन जाना उनकी पहचान है