प्रयागराज ब्यूरो । क्या आपको पता है कि एसी की हवा आपको नुकसान भी पहुंचा सकती है। अधिक देर तक ठंडी हवा में रहने से तमाम तरह की एलर्जी और बीमारियां क्रिएट हो सकती है। ऐसे में मरीज भी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। जब इसका कारण डॉक्टर बता रहे हैं तो मरीज भी आश्चर्यचकित हो रहे हैं। उनको समझ नही आ रहा कि एसी की हवा भी उनको नुकसान पहुंचा सकती है। डॉक्टर्स का कहना है कि अधिक देर तक एसी में रहने को इग्नोर किया जाना चाहिए।
कम हो जाती है बॉडी की नमी
शरीर में कई प्रकार की बीमारियों के होने के पीछे मेन कारण नमी का कम होना भी है। एसी का मेन काम भी यही है। एसी में रहने से शरीर में नमी की मात्रा कम होने लगती है। इसका सबसे ज्यादा असर बॉडी के श्वसन तंत्र पर पड़ता है। लोगों की नाक बंद होने के साथ बार बार छीक आने लगती है। गला भी सूखने लगता है। इसके अलावा आंखों के साथ भी कई तरह की प्राब्लम सामने आने लगती हैं। शुरुआत में लोगों को इसकी जानकारी नही होती है लेकिन धीरे धीरे से होने वाले नुकसान का अंदाजा उन्हे होने लगता है।
इन बीमारियों से हो सकता है सामना
- सांस की परेशानी
- आक्सीजन की कमी
- आंखों मेें सूखापन
- डायरिया
- एलर्जिक रायनायटिस
- स्किन समस्या
- जोड़ों में कमजोरी या हड्डियों में दर्द
- एसी से सीधे धूप और धूप से सीधे एसी में न जाएं।
- एसी के ठीक सामने बैठने या लेटने से बचें।
- एसी का टेम्प्रेचर बहुत ज्यादा कम न करें।
- बंद कमरे में घुटन महसूस हो तो एसी को बंद कर दें।
- छोटे बच्चे और बुजुर्गों को एसी की हवा से बचाकर रखें।
1- पेशे से वकील राहुल यादव दिन में आठ से बारह घंटे तक अपने चैंबर में एसी में बैठते हैं। इसके बाद का कार चलाते समय एसी को ऑन रखते हैं। रात में सोते समय भी वह एसी को फुल पर चलाते हैं। पिछले दिनों उनकी त्वचा में सूखापन की शिकायत हुई तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने उन्हें एसी में कम रहने की सलाह दी है।
2- क्लास 12वीं की छात्रा आकांक्षा तिवारी को पिछले दिनों नाक बंद होने और बार बार छींक आने की समस्या होने लगी। जब उसने डॉक्टरों से संपर्क किया तो उन्होंने एसी से दूरी बनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि आपको ठंडी हवा से एलर्जी हो रही है और भविष्य में यह लक्षण अधिक घातक हो सकते हैं।
वर्जन
एसी का टेम्प्रेचर हमेशा कंफर्टेबल होना चाहिए। वरना दिक्कत हो सकती है। रात में 25-26 डिग्री से कम नही हो। क्योंकि लगातार लो टेम्प्रेचर पर रहेंगे तो इससे सांस की समस्या होने लगती है। कई अन्य लक्षण भी नजर आने लगते हैं। मरीजों को यही सलाह दी जाती है।
डॉ। आशुतोष गुप्ता, श्वास रोग विशेषज्ञ
कोई भी वस्तु हमारे उपयोग के लिए तभी तक बेहतर है जब तक एक लिमिट में रहे। लेकिन देखा जा रहा है कि लोग एसी के बहुत अधिक करीब पहुंच रहे हें। इससे उनको कई दिक्कत होगी। क्योंकि एसी नेचुरल नही है यह आर्टिफिशियल है। इसलिए जितना कम हो इसका यूज करें।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन