पोर्टल में कई हॉस्पिटल्स के नाम दर्ज नहीं होने से मचा हड़कंप

किस लेवल पर हुई गड़बड़ी, पता करने में लगा विभाग

हॉस्पिटल्स में लाभार्थियों के नाम भी सूची से गायब होने की शिकायत

कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होते ही रोजाना नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। अब तमाम हॉस्पिटल्स खुद का नाम पोर्टल की सूची से गायब होने की शिकायत दर्ज करा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें वैक्सीनेशन के फ‌र्स्ट फेज में शामिल नहीं किया जा रहा है। खासकर जिन हॉस्पिटल्स के नाम ए, बी, सी और डी अल्फाबेट से हैं, उनमें से कई सूची से लापता हो गए हैं। ऐसा किस लेवल पर हुआ है, यह पता करने में विभागीय अधिकारी लगे हैं।

लगातार आ रही हैं शिकायतें

15 जनवरी को पोर्टल बंद कर दिया गया था। इस समयावधि तक जिन हॉस्पिटल्स ने अपनी डिटेल अपलोड की थी उनके यहां वैक्सीनेशन चल रहा है। यह कहना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का है। लेकिन सच यह है कि आए दिन नर्सिग होम संचालक स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज करा रहे हैं। उनका कहना है कि उनके केंद्र का नाम पोर्टल में शामिल नही होने से उनके यहां वैक्सीनेशन नही हो पा रहा है। सोर्सेज का कहना है कि इसमें ए, बी, सी और डी अल्फाबेट वाले हॉस्पिटल्स का नाम अधिक है।

स्टाफ का नाम भी गायब

इसी तरह हॉस्पिटल्स के स्टाफ का नाम भी बड़े पैमाने पर सूची में नही है। इसका ताजा उदाहरण बेली हॉस्पिटल का है। यहां पर नाम नही होने से स्टाफ ने गुरुवार को विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद हॉस्पिटल प्रशासन ने इसकी शिकायत दर्ज कराई। तब जाकर शुक्रवार को यहां के तमाम स्टाफ को वैक्सीन लगवाई गई। एमएलएन मेडिकल कॉलेज में भी यही शिकायत सामने आई हैं। वहां भी तमाम रेजिडेंट के नाम सूची में नही थे। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी यही प्राब्लम सामने आई है।

गलती किसकी, यह बड़ा सवाल?

वैक्सीनेशन के फ‌र्स्ट फेज में जिस प्रकार की खामियां सामने आ रही हैं उसको देखते हुए कमियों की जड़ को तलाशा जा रहा है। या तो तय समय के भीतर हॉस्पिटल्स ने अपनी डिटेल पोर्टल पर दर्ज नही कराई या गलत दर्ज करा दी है। या फिर पोर्टल की तकनीकी खामी से हॉस्पिटल्स के नाम गायब हो गए हैं। हो सकता है कि फीडिंग में डिटेल ऊपर-नीचे हो गई हैं। कुल मिलाकर वैक्सीनेशन जैसे जैसे आगे बढ रहा है, ऐसी शिकायतों से अधिकारियों को रोजाना दो चार होना पड़ रहा है।

कई जगह नही पहुंचे मैसेज

वैक्सीनेशन के दौरान एक और बड़ी कमी सामने आ रही है। लाभार्थियों के पास मैसेज नही पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि फीडिंग के दौरान गलत मोबाइल नंबर पोर्टल पर डाले गए हैं जिसकी वजह से मैसेज सही पते पर नही पहुंच रहा है। इस वजह से भी हॉस्पिटल्स में पर्याप्त लाभार्थी नही पहुंच रहे हैं। इससे वैक्सीनेशन का प्रतिशत भी गिर रहा है। बता दें कि जिले में कुल 1280 हॉस्पिटल्स के 25 हजार लाभार्थियों के नाम दर्ज होने थे।

पोर्टल बंद होने से पहले तक जिन्होंने अपनी डिटेल फीड की है उनके यहां वैक्सीनेशन चल रहा है। इस सूचना में कोई भी फेरबदल संभव नही है।

डॉ। सतेंद्र राय, एसीएमओ

हॉस्पिटल्स के कर्मचारियों के नाम और फोन नंबर गलत होने की सूचना मिल रही है। ऐसे मामलों के बारे में संगठन की ओर से जानकारी प्राप्त की जा रही है।

डॉ। अवनीश सक्सेना, अध्यक्ष, इलाहाबाद नर्सिग होम एसोसिएशन