प्रयागराज (ब्‍यूरो)। महिलाओं की सुरक्षा व उनके साथ होने वाली घटनाओं पर सरकार व अधिकारी गंभीर हैं। लोगों को मालूम है कि तहरीर में महिलाओं के साथ घटना होने की बात लिखने पर विपक्षी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई व सजा भी हो सकती है। इसी के चलते पारिवारिक विवाद जैसे जमीन बंटवारे, नाली, खड़ंजा व सड़क एवं पानी आदि को लेकर हुए विवाद की तहरीर में भी महिला से छेड़खानी, कपड़े फाडऩे व रेप के प्रयास तक के आरोप विपक्षी पर मढ़ दे रहे हैं। पिछले महीने आधा दर्जन शिकायतें आईजी के सामने पहुंची। फरियादियों के आरोप थे कि उनके घर पर चढ़कर मारपीट की गई, बचाने पहुंची घर की महिलाओं से अभद्रता, छेड़खानी, कपड़े फाडऩे व रेप के प्रयास किए गए। यह शिकायतें जार्जटाउन, शंकरगढ़ एवं अतरसुइया व फाफामऊ थाना क्षेत्र से सम्बंधित थीं। कहना था कि थाना पुलिस उनका न तो मुकदमा दर्ज कर रही है न ही कार्रवाई कर रही है। बताते हैं कि आईजी द्वारा फरियादियों की शिकायत सुनने के बाद जांच कराई गई। जांच में उनकी टीम ने पाया कि शिकायती पत्र में महिलाओं के साथ मारपीट, छेड़खानी, कपड़े फाडऩे या रेप के प्रयास के आरोप फेक पाए गए। किसी के साथ पानी को लेकर आरोपित से झगड़ा हुआ था तो किसी के साथ नाली व दरवाजे से आने जाने एवं पानी भरने को लेकर। इसी रिपोर्ट के आधार पर मारपीट व गालीगलौज का मामला दर्ज करने की थाना पुलिस बात की तो फरियादी समझौता कर लिए।

केस-1
जार्जटाउन एरिया स्थित पानी टंकी के पास की एक महिला ने तहरीर में कहा आईजी को बताया था कि पड़ोसी उसके कपड़े फाड़ दिए। उसके साथ रेप की कोशिश तक की गई। घटना उस वक्त हुई जब वह पिछले महीने 21 तारीख को घर में अकेली थी। थाना पुलिस रिपोर्ट नहीं खिल रही। जांच में पाया गया कि उसके द्वारा लगाए गए आरोप फेक हैं। पड़ोसी से उसका झगड़ा नाली में बहने वाले पानी को लेकर हुआ था। आईजी के निर्देश पर जब थाना पुलिस मारपीट व गाली गलौज की धारा में मुकदमा लिखने की बात की तो महिला समझौते पर आ गई। कहना था गुस्से में तहरीर दे दिए थे। थाना प्रभारी बृजेश सिंह ने कहा इसके पहले वह थाने पर शिकायत तो दूर थाने पर आई ही नहीं थी।

केस-2
शंकरगढ़ थाना क्षेत्र का एक शख्स द्वारा शिकायत की गई थी कि उसकी बेटी के साथ छेड़खानी की गई। विरोध पर उसके व परिवार के साथ मारपीट की गई। घर की अन्य महिलाओं को भी पड़ोसी दबंगों द्वारा पीटा गया। कहना था कि एसएसपी तक से शिकायत किया पर कार्रवाई नहीं हो रही। जांच में पाया गया कि वह खुद पड़ोसी की जमीन पर कब्जा कर रहा था। मना करने पर वह विवाद किया और फर्जी महिलाओं के साथ घटना की तहरीर सीधे आईजी कार्यालय में दे आया था। बताते हैं कि जांच बाद रियल केस दर्ज करने का निर्देश थाने पहुंचा तो पुलिस द्वारा उसे बुलाया गया। थाने पहुंचने के बाद वह भी अपनी शिकायत वापस ले लिया। कहा हमारा समझौता हो गया है। कुछ लोग उसे चढ़ा दिए थे।

केस-3
आईजी कार्यालय में चंदापुर की एक महिला द्वारा तहरीर दी गई थी। कहा गया था कि उसकी बेटी के साथ गांव के तीन लोगों में ने रेप का प्रयास किया। जब भी वह अकेले बाहर जाती है पीछा करते हैं और छेड़खानी करते हैं। जांच में यह भी आरोप पूरी तरह फेक पाए गए। दरअसल दोनों आरोपितों को वह युवती पहचानती तक नहीं थी। रेंज टीम जब आरोपितों को पकड़ उस युवती के पास पहुंची। उसी के सामने तीनों को सामने बैठा कर उससे पूछा गया कि वह आरोपितों का हुलिया बताए तो गिरफ्तार किया जाय। टीम ने कहा इन तीनों की तरह तो नहीं दिखते। युवती का जवाब था नहीं। उनका चेहरा इन तीनों से नहीं मिला। जांच में पता चला कि तहरीर देने वाली महिला के पति का विवाद पैसे को लेकर उन तीनों युवकों से हुआ था।

शिकायत या आरोप लगा देने से कोई दोषी नहीं हो जाता। प्राप्त इस तरह की तहरीर से ही काफी हद तक सच्चाई का पता चल जाता है। फर्जी शिकायतों के आधार पर कोई जेल नहीं जाने पाए, पुलिस इस बात का पूरा ध्यान रखती है। तहरीर में जो भी बात सच्चाई होगी उसके आधार पर केस दर्जकर कार्रवाई होगी।
डॉ। राकेश सिंह, आईजी