प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर के धूमनगंज सुलेमसराय के मधु वाचस्पति इंटर कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। कुल तीन पालियों में यह परीक्षा होनी थी। पुलिस के मुताबिक प्रथम पाली की परीक्षा में विकास कुमार मूल अभ्यर्थी थी। सेंटर पर उसकी जगह बिहार के वैशाली तिसिऔता निवासी संजीव कुमार बतौर साल्वर परीक्षा देने पहुंचा था। सेंटर पर परीक्षार्थी की जगह पहुंचे शातिर संजीव का बायोमैट्रिक से फोटो व थंब का मिला किया गया। मशीन उसकी फोटो और थंब दोनों का को रिजेक्ट कर दी। इस पर उसकी गहन छानबीन व पूछताछ शुरू की गई। इस दौरान केंद्र के जिम्मेदारों को उसके फर्जी परीक्षार्थी होने का सच मालूम चला। दूसरी मीटिंग में गोहरी फाफामऊ निवासी विजय पटेल भी परीक्षा देने के यहां केंद्र पर पहुंचा था। चेकिंग में उसके प्रवेश पत्र की फोटो मिसमैच थी। तफ्तीश में मालूम चला कि प्रथम पहले चरण में उसकी जगह कोई दूसरा परीक्षा दिया था। वह कबूल किया कि पास होने के लिए पैसा देकर वह अपनी जगह साल्वर को बैठाया था। कोरांव के बलापुर निवासी अभ्यर्थी राघवेंद्र ङ्क्षसह को भी जांच में ही पकड़ा गया। राघवेंद्र ने पुलिस को बताया कि पूर्व की परीक्षा में भी किसी दूसरे व्यक्ति ने दी थी। केंद्र व्यवस्थापक अनिल कुमार त्रिवेदी द्वारा धूमनगंज पुलिस को तहरीर दी गई। तहरीर के आधार पर संजीव कुमार, विकास कुमार, विजय पटेल और राघवेंद्र ङ्क्षसह के खिलाफ मुकदमा कायम किया है। शनिवार शाम तीन आरोपितों को पुलिस कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। आरोपित विकास अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। उसकी भी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
एक लाख में सौदा 50 हजार एडवांस
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किया गया शख्स संजीव बिहार की एक कोङ्क्षचग का छात्र है। इसी दौरान उसका संपर्क विकास से हुआ था। विकास ने उसे एक लाख रुपये में परीक्षा देने के लिए डील किया था। संजीव को 50 हजार रुपये एडवांस भी दिया था। इसके बाद वह फर्जीवाड़ा करके परीक्षा देने के लिए पहुंचा था। विजय और राघवेंद्र ने परीक्षा के लिए किसको और कितना पैसा दिया था, इसकी जांच चल रही है।
बायोमैट्रिक मशीन पर हुई जांच के दौरान पकड़े गए साल्वर्स को उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। चौथे शातिर की तलाश जारी है।
राजेश मौर्या थाना प्रभारी धूमनगंज