जिले में फिलहाल हैं 905 दुकानें
नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने से पूर्व शराब की दुकानों के रिन्यूवल को लेकर विभाग द्वारा आवेदन मांगे गए थे। जिले की 905 दुकानों का रिन्यूवल के लिए ठेकेदारों द्वारा आवेदन किया गया। इसमें 203 विदेशी यानी अंग्रेजी शराब की दुकान शामिल है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो सर्वाधिक 512 दुकानें देशी शराब की हैं, जिनका रिन्यूवल आवेदन के आधार पर किया गया। देशी शराब की दुकानों की यह संख्या पूरे जिले की है। जिले भर में बियर की दुकान 198 और मॉडल की तादाद 19 बताई गई है। इनकम यानी बिक्री कम होने की वजह से 26 ऐसी दुकाने हैं जिनका रिन्यूवल कराने के लिए लोग आगे नहीं है। मतलब यह कि इन दुकानों लाइसेंस शेष है जिन्हें कोई लेना मुनासिब नहीं समझ रहा। यह देखते हुए विभाग ने इन दुकानों के लिए एमजीक्यू नामक स्कीम लागू करेगा। बताते हैं कि इसके तहत इन दुकानों को विभाग 14 दिनों के लिए भी आवंटित करेगा। निर्धारित सरकारी लाइसेंस फीस जमा करके इन दुकानों को इच्छुक लोग ले सकते हैं। यदि आवेदन एक से अधिक हुए तो विभाग लाटरी सिस्टम भी लागू कर सकता है। दुकानों को लेने वाले व्यक्ति को निर्धारित कोटे की शराब उन 14 दिनों में बेचना ही होगा। नहीं बेच पाने में फीस जब्त करते हुए डील कैंसिल भी कर दी जाएगी।
ब्रांड व मात्रा वाइस बढ़े हुए रुपये
ब्रांड एमएल बढ़ा रेट
आईबी 750 10
बीपी 750 10
ओसी रेड 180 10
ओसी रेड 375 10
ओसी रेड 750 20
8-पीएम 180 10
8-पीएम 375 10
8-पीएम 750 20
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नोट- बियर के रेट में कोई चेंज नहीं है।
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महंगाई में देशी के शौकीनों को राहत
हर आम आदमी के किचन की जरूरत पेट्रोल, डीजल और सरसो तेल जैसी चीजों में लगी महंगाई की मार झेल रहे गरीबों को सरकार ने देशी शराब में बड़ी राहत दी है। आबकारी विभाग के लोगों की मानें तो इस वित्तीय वर्ष में देशी शराब की कीमतों में 05 रुपये की गिरावट आई है। मतलब यह कि देशी का पव्वा अभी तक 80 में मिला करता था अब वह शौकीनों को 75 रुपये में ही मिल जाएगा। ताकि देशी के शौकीनों को शराब खरीदने में आर्थिक तंगी से निजात मिल सके।
अंग्रेजी शराब के कुछ ब्रांड है जिसमें मामूली रेट बढ़ाए गए हैं। देशी शराब पर पांच रुपये की गिरावट की ई है। नए सत्र के पहले दिन शराब के उठाने की अनुमति दे दी गई है। जिन दुकानों का रिन्यूवल नहीं हो सका है कोशिश की जा रही है कि एमजीक्यू के आधार पर किया जाय।
जितेंद्र कुमार सिंह, जिला आबकारी अधिकारी