प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यहीं से अतुल के दिमाग में श्यामजी की हत्या की स्क्रिप्ट तैयार होने लगी। तंग आकर इन सारी चीजों से छुटकारा पाने के लिए पहले तो अतुल खुद सुसाइड करना चाहता था। अचानक उसने अपना इरादा यह सोचकर बदल दिया कि वह स्वयं तो गलत है नहीं, फिर सजा दोस्त श्यामजी को ही क्यों न दी जाय। पहले वह लोन पर ली गई पिकअप से श्यामजी का एक्सीडेंट करने की सोचा था। मगर, ख्याल आया कि एक्सीडेंट करने पर वह बच भी सकता है। उसकी मौत कंफर्म करने के लिए वह गोली मारने के प्लान को फाइनल किया मौके की तलाश में जुट गया। पिछले वर्ष 31 दिसंबर की भोर मौका पाते ही वह तमंचे से गोली मारकर आलू व्यापारी की हत्या कर दिया। पुलिस के मुताबिक यह बातें गिरफ्तार किए गए अतुल कुमार निषाद ने खुद पूछताछ में स्वीकार किया है।

पुलिस उपायुक्त नगर ने किया खुलासा
झूंसी थाना क्षेत्र के ईशीपुर मलावां खुर्द निवासी आलू व्यापारी श्यामजी की हत्या में गिरफ्तार आरोपित अतुल कुमार निषाद दारागंज इलाके के मीरा गली का रहने वाला है। इस पूरी घटना का बुधवार को पुलिस उपायुक्त नगर द्वारा खुलासा किया गया। पुलिस के जरिए गिरफ्तार किए गए हत्यारोपित अतुल निषाद को भी पुलिस लाइंस सभागार में मीडिया के सामने पेश किया गया। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि अतुल आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। दारागंज सब्जी मण्डी में उसकी मुलाकात आलू व्यापारी श्यामजी केसरवानी से उसी की दुकान पर हुई थी। धीरे-धीरे दोनों की यह मुलाकात दोस्ती में बदल गई। आलू के कारोबार से श्यामजी की जेब नोट से भरी रहती थी। अतुल उससे कुछ काम बताने के लिए कहा। इस पर श्यामजी उसे लोन पर पिकअप लेने की न सिर्फ सलाह दिया बल्कि फाइनेंस भी करवा दिया। फाइनेंस कराई गई पिकअप का किस्त और उससे चलवाने की जिम्मेदारी खुद श्यामजी ले रखा था। अतुल के नाम फाइनेंस हुई पिकअप से श्यामजी अपनी आलू मंगाने लगा। कुछ महीने तक वह पिकअप की ईएमआई हर महीने करीब 15 हजार 700 रुपये जमा किया। कुछ पैसे वह खर्च व परिवार चलाने के लिए अतुल को भी दे दिया करता था। तब तक सब कुछ ठीक था।
विश्वास से प्रगाढ़ हुई दोस्ती
इसके चलते दोनों के बीच भरोसा बढ़ गया। विश्वास पूरी तरह जमाने के बाद श्यामजी उसके घर आने जाने लगा। इस दौरान उसके सम्बंध अतुल की पत्नी से हो गए थे। इस बात को लेकर लोगों में कानाफूसी पर अतुल बहुत विश्वास नहीं किया करता था। एक दिन अचानक अतुल खुद अपनी पिकअप खरीद लिया। इसके बाद अतुल की पिकअप हटाकर अपनी गाड़ी से आलू का व्यापार करने लगा। इससे अतुल के पिकअप की ईएमआई टूटने लगी। वह उसे चलवा भी नहीं पाता था। ईएमआई बकाया होने लगी तो बैंक वाले उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिए। पुलिस को वह बताया कि कुछ महीने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर वह ईएमआई जमा कर दिया। इस तरह वह इतना कर्ज में डूब गया कि परेशान हो गया। अतुल को लगा कि श्यामजी उसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। अब वह उसे जिंदा नहीं छोड़ेगा और 31 दिसंबर 2022 की भोर श्यामजी उसे पिकअप में ऊंघते हुए दिखाई दिया। यह देखते ही अतुल घर में रखा तमंचा निकाला और कंबल ओढ़कर उसकी पिकअप के पास जा पहुंचा। चालक व मजदूर पीछे आलू उतार रहे थे और वह श्यामजी को गोली मार कर भाग निकला। वारदात को अंजाम देने के बाद सीधे घूरपुर निवासी अपने एक रिश्तेदार के घर गया। तमाम सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस उसे ट्रेस करके गिरफ्तार कर ली। उसके पास से पुलिस को हत्या में प्रयुक्त एक तमंचा व खोखा भी मिले हैं।

घटना के पूर्व आरोपित और आलू कारोबारी में गहरी दोस्ती थी। मृतक के द्वारा दिलाई गई पिकअप के चलते अभियुक्त काफी कर्ज में डूब गया था। ऊपर से उसे अपनी पत्नी से उसके अवैध सम्बंध होने का भी शक था। इन्हीं बातों से तंग आकर वह व्यापारी की हत्या किया था। वारदात को अंजाम देने के बाद वह घूरपुर में एक रिश्तेदार के घर संरक्षण ले रखा था।
संतोष कुमार मीना पुलिस उपायुक्त नगर