प्रयागराज (ब्यूरो)। फतेहपुर जनपद स्थित गदौरा निवासी पुष्पराज अग्निहोत्री आरएएफ में तैनात हैं। यहां वह फाफामऊ थाना क्षेत्र के शांतिपुरम स्थित आरएएफ 101 बटालियन में कार्यरत हैं। बताते हैं कि वह शांतिपुरम में किराए पर कमरा लेकर परिवार के साथ रहे हैं। कुछ दिन पहले पुष्पराज कानपुर कैंप में ड्यूटी गए थे। यहां उनकी बेटी साक्षी मां रंजना अग्निहोत्री के साथ थी। साक्षी गुरुकुल विद्या मंदिर में कक्षा सात की में थी। पुलिस के मुताबिक बुधवार रात किसी शरारत पर साक्षी को मां रंजना ने डांट दिया था। मां की डांट साक्षी को बुरी लगी और उसके दिमाग में घर कर गई। गुरुवार भोर वह किचन में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। मां की नजर पड़ी तो वह चीख पड़ी। फाफामऊ पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। कक्षा सात की बच्ची द्वारा उठाए गए इस कदम की खबर सुन कर लोग स्तब्ध रह गए।
इन बातों पर अभिभावक दें विशेष ध्यान
मनोचिकित्सक डॉ। राकेश पासवान कहते हैं कि इस दौर के बच्चे काफी सेंसिटिव हो गए है
डांटने तो इस बात का ध्यान रखे कि बच्चों का यह अहसास हो कि आप समझा रहे हैं
समझाने के लहजे में बच्चों को डांटे और बाद में उन्हें उतना प्यार भी करें ताकि उनका माइंड चेंज हो जाय
बच्चों के सामने आपसी झगड़े में भी सुसाइड जैसी बातें नहीं करें, उनके सामने झगड़े से भी बचें
उस वीडियो या सीरियल से बच्चों को दूर रखने की कोशिश करें जिसमें रोल करने वाले बच्चे इस तरह के स्टंट करते हों
जिनके बच्चे स्वभाव से जिद्दी और गुस्सैल हैं उन अभिभावकों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है
माता व पिता एक ही बात को लेकर एक साथ बच्चों को कभी नहीं डांटे, एक यदि डाट रहा तो दूसरा उन्हें प्यार दे
यदि मां डांटे तो पिता और पिता डांटे तो मां एक दूसरे को बच्चे के साथ डांट कर यह अहसास कराए कि उनके साथ कोई है
बच्चे को एक साथ पति व पत्नी के डांटने पर वह अपनी बात डर के किसी से नहीं कहेगा और अंदर ही अंदर गुस्सा पाल कर बैठा रहेगा
छात्रा के सुसाइड की खबर मिलने के बाद की गई पूछताछ में मालूम चला कि उसे किसी बात को लेकर मां ने डांट दिया था। उसकी बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेजा था।
आशीष सिंह, प्रभारी निरीक्षक फाफामऊ