300 करोड़ बकाए पर 25 हजार जारी हुई थी आरसी, दो सितंबर को समाप्त हो गई योजना

पूर्व में जमा मूलधन का समायोजन न होने से ज्यादातर व्यापारियों को नहीं मिल सका लाभ

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के पहले के लागू करों (टैक्स) के बकाया भुगतान के लिए सरकार ने ब्याजमाफी योजना लागू की थी। इस योजना का लाभ सिर्फ 990 कारोबारियों ने ही ली। इन कारोबारियों के बकाया भुगतान का निस्तारण होने से वाणिज्यकर विभाग को करीब 4.39 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिले। हालांकि, दो सितंबर को योजना समाप्त हो गई।

25 हजार व्यापारियों पर बकाया था टैक्स

प्रयागराज जोन के करीब 25 हजार व्यापारियों पर लगभग 300 करोड़ रुपये टैक्स बकाया था। इन व्यापारियों को पूर्व में आरसी जारी हुई थी। पिछले साल सरकार ने बकाएदारों के लिए ब्याजमाफी योजना लागू की थी। कोविड-19 के कारण इस योजना को दो बार बढ़ाया गया था। इस दौरान प्रशासनिक आदेशों के माध्यम से करीब 50 करोड़ रुपये का बकाया खत्म किया गया। मगर, तकरीबन 250 करोड़ रुपये टैक्स का बकाया अभी भी व्यापारियों के ऊपर है। वहीं, विभागीय अफसरों का दावा है कि मुख्यालय द्वारा 10 करोड़ रुपये बकाया जमा कराने का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें लगभग 4.39 करोड़ रुपये जमा हुआ। ज्यादातर व्यापारियों को इस योजना का लाभ न मिलने की वजह पूर्व में जमा मूलधन का समायोजन न होना भी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति द्वारा 18 अगस्त को वाणिज्यकर कमिश्नर को पत्र भी लिखा गया था। कहा गया था कि योजना लागू होने के पहले जिन व्यापारियों ने मूलधन जमा किया है, उनका समायोजन न होने से इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन डीएस तिवारी का कहना है कि ब्याजमाफी योजना दो को समाप्त हो गई। शासन द्वारा योजना को आगे बढ़ाने का कोई आदेश आया नहीं है।