प्रयागराज (ब्यूरो)। एशिया में सबसे बड़े हाई कोर्ट में बुधवार को जबर्दस्त गहमागहमी रही। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के सत्र 2024-25 हेतु 28 सदस्यीय एक वर्षीय कार्यकारिणी का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुआ। सुबह 10 बजे शुरू हुआ मतदान शाम पांच बजे तक मतदान चला। कुल 8246 अधिवक्ता मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
कल से शुरू होगी मतों की गिनती
इस चुनाव में 9684 अधिवक्ता मतदान के लिए अर्ह थे। इस तरह करीब 85 प्रतिशत मतदाताओं ने 206 प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटियों में बंद कर दी। मतगणना शुक्रवार पांच अप्रैल से शुरू होगी। चुनाव प्रक्रिया की निगरानी सीसीटीवी कैमरे के जरिए की जा रही थी। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी। मतदान को लेकर अधिवक्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। ज्यादातर बूथों पर वोटरों की लंबी लाइन लगी हुई थी। दोपहर में मतदान की गति कुछ धीमी हुई लेकिन शाम होते होते इसने फिर जोर पकड़ लिया।
ज्यादातर सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला
ज्यादातर पदों पर इस बार बहुकोणीय और नजदीकी मुकाबला माना जा रहा है। मुख्य चुनाव अधिकारी वरिष्ठ अधिवक्ता वीएम जैदी के नेतृत्व में चुनाव समिति के सदस्य मंच से मतदान स्थल की लगातार निगरानी कर रहे थे। मतदान कराने में बार एसोसिएशन के कर्मचारियों एवं सैकड़ों अधिवक्ताओं की मदद ली गई। कोर्ट परिसर में लगभग सन्नाटा पसरा रहा। अदालतों में न्यायिक कार्य भी सुचारू रूप से चला। अदालतों में नो एडवर्स आदेश का पालन भी किया गया। प्रत्याशी व समर्थक अधिवक्ता मतदेय स्थल के बाहर अपने पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करते रहे। भारी उत्साह देखा गया।
इस बार भी नहीं लगाए जा सके पंडाल
चुनाव के दौरान पिछले वर्ष की तरह इस बार भी प्रत्याशियों की ओर से लगवाए जाने वाले बड़े-बड़े पंडाल गायब थे। पूर्व में प्रत्याशी बड़े-बड़े पंडाल लगवाते थे जहां पूड़ी-सब्जी, मिठाई से लेकर नाश्ते और पानी-चाय आदि की व्यवस्था होती थी। इस बार भी चुनाव समिति के कड़े रुख के कारण किसी भी प्रत्याशी ने सड़क पर पंडाल नहीं लगवाया। हालांकि कुछ लोगों ने अपने स्तर से पूड़ी सब्जी, नाश्ता आदि के पैकेट की व्यवस्था कर समर्थकों और वोटरों के बीच जरूर वितरित कराया। मतदान कराने में बार एसोसिएशन के कर्मचारियों एवं सैकड़ों अधिवक्ताओं की मदद ली गई। कोर्ट परिसर में लगभग सन्नाटा रहा। अदालतों में न्यायिक कार्य भी सुचारू रूप से चला। अदालतों में नो एडवर्स आदेश का पालन भी किया गया। प्रत्याशी व समर्थक अधिवक्ता मतदेय स्थल के बाहर अपने पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करते रहे। भारी उत्साह देखा गया।