ए1स1लूसिव
वाह रे जीएसटी: कंपनी के टोटल टर्नओवर से कई गुना अधिक आया टै1स
ऑटोमेटिक टै1स जेनरेशन में कई गड़बडि़यां, जीएसटीआर-4 को लेकर व्यापारी परेशान
केस-1
मेसर्स ताज प्लाईवुड सेंटर
- कंपोजिशन स्कीम में शामिल है फर्म
- टै1स इनवाइस अपलोड करने पर जीएसटीआर-4 यानी सेल ऑटो जेनरेटेड हुआ है
- ऑटो जेनरेटेड सेल में 65 करोड़ 98 ला2ा 65 हजार 236 रुपये की सेल दि2ाई दे रही है।
- इसके अनुसार टै1स आया 18 करोड़ 43 ला2ा 62 हजार 266 रुपये आठ पैसे
- कंपनी की एनुअल सेल 50 से 60 ला2ा के बीच में है।
केस- 2
केसरवानी फैब्रिकेटर्स
ऑटो जेनरेटेड जीएसटीआर-4 में आया फर्म का टोटल सेल 85 करोड़ 96 ला2ा 25 हजार 471 रुपये
- 85 करोड़ के सेल पर टै1स लगाया गया 24 करोड़ 69 ला2ा 5 हजार 131 रुपया टै1स
- जबकि फर्म कंपोजिशन स्कीम में शामिल हैं और इसमें वही शामिल हो सकते हैं जिनका एनुअल टर्नओवर एक करोड़ से अधिक न हो।
केस-3
पुराने शहर के एक व्यापारी का 2016-17 का टर्न ओवर ऑटो जेनरेटेड 65 ला2ा 13 हजार 485 रुपये आया है।
- जबकि उनकी ए1चुअल सेल 4 ला2ा 99 हजार रुपये है।
- अप्रैल टू जून- 5 ला2ा 43 हजार 859 दि2ाया है, ए1चुअएल है दो ला2ा 12 हजार रुपया
balaji.kesharwani@inext.co.in
ALLAHABAD: जिस तरह एक कमरे वाले का 25 ला2ा और फै1ट्री वाले का ढाई ला2ा रुपये बिजली का बिल आता है, कुछ इसी तरह का 2ोल जीएसटी में 5ाी हुआ है। 50 से 60 ला2ा रुपये एनुअल सेल करने वाले ट्रेडर का तीन महीने का टै1स 18 से 24 करोड़ रुपये तक आ रहा है। कंपोजिशन स्कीम में शामिल व्यापारियों के सामने ऑटो जेनरेटेड रिटर्न में 18 से 24 करोड़ रुपये का टै1स पहुंचने के बाद उनकी आं2ों 2ाुली की 2ाुली रह जा रही हैं। शहर के कई व्यापारियों के साथ इस तरह का 2ोल हुआ है, जो कंपोजिशन स्कीम में शामिल हैं। जीएसटी-4 में इस तरह की गड़बड़ी सामने आई है। जिससे व्यापारी परेशान हैं।
तीन माह में 5ारना है रिटर्न
जीएसटी की सामान्य स्कीम के तहत कारोबार करने वालों को हर महीने तीन रिटर्न भरने जरूरी होते हैं। जीएसटीआर-1 बिक्री के लिए, जीएसटीआर-2 खरीदारी के लिए और जीएसटीआर-3 टै1स का हिसाब करने के लिए। लेकिन, जीएसटी कंपोजिशन स्कीम लेने वालों को ये तीनों रिटर्न नहीं 5ारने हैं। इसकी बजाय उन्हें हर तीन महीने में सिर्फ एक जीएसटीआर-4 भरना है। इस 1वाटर्ली रिटर्न में उन्हें हर तिमाही होने वाले कुल लेन-देन, कुल कमाई, उस पर टै1स देनदारी और जमा किए गए जीएसटी टै1स आदि की जानकारी देनी है।
कंपोजिशन स्कीम में 1या है टै1स-
1. वस्तुओं या सेवाओं का बिजनेस करने वालों को अपनी कुल तिमाही बिक्री का 1 प्रतिशत जीएसटी चुकाना होगा। इसमें 0.5 प्रतिशत सीजीएसटी के रूप में केंद्र सरकार के खाते में और 0.5 प्रतिशत एसजीएसटी के रूप में राज्य सरकार के खाते में जमा होगा।
2. वस्तुओं का निर्माण करने वाले मैनुफै1चरर्स को अपनी कुल तिमाही बिक्री का 2 प्रतिशत जीएसटी चुकाना होगा। 1 प्रतिशत सीजीएसटी के रूप में केंद्र सरकार के खाते में और 1 प्रतिशत एसजीएसटी के रूप में राज्य सरकार के खाते में जमा होगा।
3. रेस्टोरेंट चलाने वालों को अपनी कुल तिमाही कमाई का 5 प्रतिशत जीएसटी चुकाना होगा। 2.5 प्रतिशत सीजीएसटी के रूप में केंद्र सरकार के खाते में और 2.5 प्रतिशत एसजीएसटी के रूप में राज्य सरकार के खाते में जमा होगा।
1या है कंपोजिशन स्कीम
एक करोड़ तक के टर्नओवर वाले बिजनेस मैन ही कंपोजिशन स्कीम में शामिल हो सकते हैं। इससे अधिक का बिजनेस करने वालों के लिए ये स्कीम लागू नहीं हैं। इसमें अधिकतर वही बिजनेस मैन शामिल है जो साल में अधिकतम 60-70 ला2ा रुपये का बिजनेस करते हैं।
जीएसटी लागू होने के बाद गड़बड़ी की कोई सीमा ही नहीं रह गई है। अ5ाी तक व्यापारी रिटर्न के लिए परेशान था, अब ऑटो जेनरेटेड टै1स उनकी नींद उड़ा रहा है। ट्रेडर पर फै1ट्री से 5ाी अधिक टै1स दि2ाया जा रहा है। ऐसा कैसे हो सकता है। अब व्यापारियों को गड़बड़ी में सुधार के लिए चक्कर लगाना होगा।
संतोष पनामा
संयोजक, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति
टै1स और टोटल वैल्यू में गड़बड़ी टे1िनकल फाल्ट की वजह से हो सकती है। इसे ठीक कराने के लिए व्यापारियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। टे1िनकल टीम गड़बडि़यों को अपने आप ठीक कर देगी।
राम प्रसाद
असिस्टेंट कमिश्नर सेल्स टै1स
ग्रेड-2