राज्यपाल सचिवालय के निर्देश पर ओपन यूनिवर्सिटी में योग पर व्याख्यान
राज्यपाल सचिवालय के निर्देशानुसार अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार को संवेदनशीलता के विकास में योग की भूमिका विषय पर डॉ अतुल कुमार मिश्र ने कहा कि संवेदनशीलता के विकास में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आज आधुनिक जीवन शैली में बाजारवाद और प्रतिस्पर्धा से भावात्मक संवेदना की कमी परिलक्षित हो रही है। जिस कारण मानवीय मूल्यों का पतन होता चला जा रहा है।
विकार दूर करता है योग
डॉ अतुल ने प्राचीन योग विद्या के प्रणेता महर्षि पतंजलि द्वारा प्रदत्त योग के अष्टांगिक मार्ग के यम नियम सहित समस्त मार्गों को आत्मसात करने के लिए जागरूक बनने का आह्वान किया। मानविकी विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि संवेदनशीलता का भाव समस्त मानव जाति के लिए कल्याणकारी है। योग के अभ्यास से मानव जीवन के समस्त विकार दूर होते हैं। संचालन डॉ मीरा पाल तथा धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार सिंह ने किया। संयोजन अनुराग शुक्ला एवं निकेत सिंह ने किया। कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के निर्देशन में अगला व्याख्यान 19 जून को स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर गिरिजा शंकर शुक्ल देंगे।सीएयूपी के संरक्षक, टूर्नामेंट सेक्रेटरी व स्पोर्ट्स एडवाइजर का इस्तीफा
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपर महाधिव1ता नीरज त्रिपाठी और क्रिकेट कोच शिवम यादव एवं रमेश पाल ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश क्रिकेट में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। एडिशनल एडवोकेट जनरल नीरज त्रिपाठी सीएयूपी में संरक्षक, पार्थ क्रिकेट एकेडमी के कोच शिवम यादव टूर्नामेंट सेक्रेटरी एवं सीएवी क्रिकेट एकेडमी के कोच रमेश पाल स्पोर्ट्स एडवाइजर पद पर थे।
नीरज त्रिपाठी ने सीएयूपी से पं केशरी नाथ त्रिपाठी के नाम का उपयोग नहीं करने का आग्रह भी किया है। उन्होंने कहा कि संरक्षक के पद से वह अपना इस्तीफा दे रहे हैं इसलिए स्व केशरी नाथ त्रिपाठी के नाम का उपयोग चल रहे टूर्नामेंट सहित किसी भी टूर्नामेंट में नहीं किया जा सकता।
सीएयूपी को प्रेषित इस्तीफे में तीनों ने लिखा है कि समाज के विभिन्न कोनों से और खेल प्रेमियों से मिली जानकारी के बाद हमें यह जानकर दुख हुआ कि व्य1ितगत टिप्पणियां की जा रही हैं और खिलाडिय़ों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। हमें यह भी पता चला कि यह एसोसिएशन धीरे-धीरे एसोसिएशन के कुछ सदस्यों के लिए व्य1ितगत हिसाब-किताब करने का एक मंच बनता जा रहा है। जिस उद्देश्य के लिए यह संघ बनाया गया था, वह अब गायब हो गया है और राजनीति, व्य1ितगत एजेंडा, पैसे की लालसा आदि जैसे खेल हो रहे हैं। हमें यह भी बताया गया है कि कुछ सदस्यों के पास बुनियादी शिष्टाचार भी नहीं है। और इस तरह से व्यवहार करना उस संघ के सदस्य के लिए अशोभनीय है, जो इस विश्वास के साथ गठित किया गया था कि वह यूपीसीए के बराबर का दर्जा प्राप्त करेगा। एसोसिएशन के सदस्यों के साथ पदाधिकारियों के अपरिपक्व व्यवहार ने हमें अपने पद से हटने/इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया है। अत: हम तत्काल प्रभाव से अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।