प्रयागराज ब्यूरो, आनलाइन मोड में हो रहे फ्रॉड की शिकायत साइबर थाने तक पहुंच गयी थी। आईजी रेंज डॉक्टर राकेश सिंह ने बताया कि हर महीने इस गोरखधंधे से फ्रॉड करने वाले लाखों रुपये कमा रहे थे। राजापुर में बाकायदे शातिरों ने दफ्तर खोल रहा था। कार्यालय के बाहर इनके जरिए पार्टनर प्रोफाइल का बोर्ड लगाकर सभी ठगी का धंधा कर रहे थे। आईजी ने बताया कि गैंग इतना शातिर है कि वह फर्जी आधार ही नहीं पैन कार्ड तक बना लिया करता था। साल छह महीने एक जिले में फ्राड करने के बाद यह जनपद चेंज कर दिया करते थे। कॉलिंग के लिए प्रयोग किए जा रहे सिम कार्ड को भी सभी फेक आईडी पर ही लिया करते थे।
गिरफ्तार किये गये शातिर
रितिक कुमार कुरई पुत्र राम प्रसाद निवासी जांजगीर चापा छत्तीसगढ। (यह राजापुर स्थित कार्यालय में बैठने वाले गिरोह का सरगना था। राजापुर में ही टीवी टॉवर के पास वह किराए पर रूम लेकर रहता था)
देवेंद्र कुमार चेलक पुत्र भरत लाल चेलक निवासी नगरदा थाना बिलाईगढ़ जिला बलौदा बाजार छत्तीसगढ़
यानेंद्र कुमार भारती पुत्र मोती लाल निवासी देवरबोड बलौदा बाजर छत्तीस गढ़ (एक्सपर्ट के रूप में काम करते थे। यह दोनों भी सरगना के साथ एक रूम में ही रहते थे)
राजापुर में बना रखा था ऑफिस
पकड़ी गईं पांचों महिलाएं इसी शहर की हैं। इन महिलाओं का काम युवकों को कॉल करना और उन्हें झांसे में फंसाने का था। फंसे हुए लड़कों से हजारों रुपये जमा कराने के लिए शादी से इंकार भी यही महिलाएं किया करती थीं। पुलिस ने इन आठों को जेल भेज दिया है। इनके राजापुर स्थित दफ्तर से पुलिस को दो सीपीयू, दो एलईडी मॉनीटर, दो की बोर्ड, दो माउस, एक वाईफाई एक्सट्रीम फाइबर, एक पीली मोहर, 30 रजिस्टर, 09 फर्जी आधार कार्ड की कॉपी, सात एटीएम कार्ड, तीन चेक बुक व दो पासबुक एवं 18 मोबाइल फोन जिसमें तीन एंड्रायड मोबाइल शामिल हैं मिले हैं।
इस तरह से फ्राड करते थे शातिर
रॉयल मेरी, पार्टनर प्रोफाइल व पवित्र रिश्ता जैसी फर्जी मेट्रीमोनियल साइट के जरिए शातिर पूरा खेल खलते थे
शुरुआत कॉल सेंटर से करते थे। संगम वेबसाइट से ऐसे लड़की व लड़कों का डेटा कलेक्ट करते थे जो शादी के इच्छुक होते हैं
कॉल सेंटर से पकड़ी गई लड़कियों के जरिए उन लड़कों को फोन करवाते थे जो शादी के इच्छुक होते थे
लड़कों के सामने अपनी मेट्रीमोनियल साइट पर रजिस्टर्ड करने का ऑफर दिया जाता था। जल्द शादी का भरोसा दिलाया जाता था
वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए 20 हजार रुपये तक वसूल किये जाते थे। पैकेज की शुरुआत दस हजार से होती थी।
लड़के का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उनकी पसंद से मिलती जुलती लड़की की फर्जी प्रोफाइल तैयार करवाते थे। अपने काल सेंटर की लड़कियों से लड़कों को कॉल करवाया जाता था
लड़की सही है यह भरोसा दिलाने के लिए फेक आधार व पैन कार्ड विभिन्न साफ्टवेयर से तैयार करके उन लड़कों को भेज दिया करते थे
जब शादी के नाम पर लंबी रकम लड़कों से वसूलने के बाद वह कॉल सेंटर की लड़कियों से फोन करवाकर शादी से इंकार करवा देते थे। फीस का पैसा हजम कर जाते थे।
शादी से इंकार पर जब लड़का या उसके पक्ष के लोग लड़की से बात करने की जिद करने लगते थे तो उनके मोबाइल नंबर को गैंग ब्लैक लिस्ट में डाल देता था व नंबर चेंज कर देते थे
पकड़े गए गैंग के गुर्गे बेहद शातिर हैं। इनके पूरे गैंग को टीम सर्च कर रही है। जल्द ही गैंग के मुख्य सरगना और मेंबर भी गिरफ्तार किये जाएंगे। छानबीन में पता चला है कि दो साल पहले भी ये यहां कॉल सेंटर संचालित करके ठगी किया करते थे। साइबर थाने की पूरी टीम का यह काम काफी सराहनीय है।
डॉ। राकेश सिंह
आईजी रेंज