प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स से अवैध कब्जे हटाने की मुहिम अगले दो दिनों में शुरू हो जाएगी। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट और पुलिस अधिकारियों के बीच छात्रावास खाली कराने को लेकर मंगलवार को रणनीति बनी। इसमें तय हुआ कि करीब 400 अवैध अंतेवासियों से छात्रावास मुक्त कराने का अभियान अगले दो दिनों में शुरू किया जाएगा। यह क्रम छुट्टियों में भी चलेगा। जिन कमरों में अवैध कब्जा होगा, उनको खाली कराते हुए नए आवंटियों को कब्जा दिलाएगा। कब्जा हटाने के साथ ही दोबारा कब्जे रोकने की योजना भी बना ली गई है। छात्रावास में एंट्री रजिस्टर की व्यवस्था और छात्रावास में वाहनों के प्रवेश को रोकने के इंतजाम भी किए जा रहे हैं।
हाल्टलर्स के बीच हो चुकी बमबाजी
यूनिवर्सिटी के एसएसएल और जीएन झा छात्रावास के अंतेवासियों के बीच बमबाजी और पथराव की घटना के बाद छात्रावासों में अवैध कब्जे की ओर से इवि प्रशासन का ध्यान गया था। इस घटना के कुछ दिन बाद पीसीबी छात्रावास में दो छात्र बम बनाने के दौरान घायल हो गए थे। इनमें से एक छात्र की कलाई उड़ गई थी। वह यूनिवर्सिटी के छात्र थे और मूल आवंटियों को धमकाकर छात्रावास के कमरा नंबर 68 में अवैध कब्जा किए थे। अकेले ताराचंद छात्रावास में ही करीब 200 अंतेवासियों ने अवैध कब्जा किया था। पहले चले अभियान में फीस जमा करने का मौका देने के आग्रह के बाद कई अंतेवासियों को बाहर नहीं निकाला गया था। हालांकि बाद में इन्होंने फीस नहीं जमा की और कब्जा किए रखा। अवैध कब्जे से सबसे ज्यादा प्रभावित वह छात्र हैं, जिन्होंने फीस तो जमा कर दी है पर उनको अभी कक्ष नहीं मिला है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रावास के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी की तैनाती करेगा। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ाएगा। कैमरे की फुटेज अधीक्षक मोबाइल पर भी देख सकेंगे। यानी जब वह छात्रावास में नहीं होंगे तब भी वह पूरी नजर रख सकेंगे।
पुलिस से पूरी मदद का भरोसा दिया है। जल्द से जल्द वाशआउट अभियान शुरू कर दिया जाएगा। जो हॉस्टलर यूनिवर्सिटी के छात्र नहीं होने के बाद भी रह रहे होंगे उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जायेगा।
डा। राकेश सिंह चीफ प्राक्टर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी