प्रयागराज ब्यूरो ।कौशल आधारित शिक्षा एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर संगोष्ठी वक्ताओं के व अतिथियों के जरिए बुधवार को विचार व्यक्त किया गया। यह कार्यक्रम राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण एवं सेवा स्थापना प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित हुआ। सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता, कुलपति, डॉ। हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर मध्य प्रदेश रहीं।
ग्रामीण हुनर को निखारने पर बल
अतिथियों ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए गांव तक कौशल विकास कार्यक्रम पहुंचाना होगा। ताकि गांवों में दबी व छिपी प्रतिभाएं एवं हुनर उभरकर सामने आ सके। हमारा लक्ष्य 2025 तक युवाओं को हुनरमंद बनाना है। इसके लिए हमें उनकी हीन भावना को दूर करना होगा। हमें एक इको सिस्टम बनाना पड़ेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने हमें एक ऐसा माध्यम दिया है, जिससे हम कौशल आधारित शिक्षा पर विशेष बल दे रहे हैं। छात्रों के साथ सहभागिता बढ़ानी पड़ेगी। उनको लघु अवधि के कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोडऩे की भी जरूरत है। अध्यक्षता कर रहीं मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो। सीमा सिंह ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय के कौशल विकास केंद्र में कौशल आधारित शिक्षा पर बल दिया जा रहा है। पंजीकरण करा कर कोई भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। संगोष्ठी की रूपरेखा प्रशिक्षण एवं सेवायोजन प्रकोष्ठ के प्रभारी डीपी सिंह ने प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत प्रकोष्ठ के सह प्रभारी प्रो। जेपी यादव ने किया। संचालन डॉ। संजय कुमार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन कर्नल विनय कुमार ने किया।