प्रयागराज (ब्यूरो)। उन्होंने कहा कि जैसे ही इंसान को एक ईश्वर की पहचान हो जाती है उसे यह समझ आ जाता है कि यह पूरा मानव परिवार एक ही है। यही समझ, ज्ञान हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। फिर इंसान का जीवन इतना सुंदर बन जाता है कि संसार के समस्त मानव अपने नजर आने लगते हैं आपस में मिल वर्तन प्रेम और भाईचारा कायम हो जाता है। उन्होंने कहा की जीवन में संतों का आना आवश्यक है। माया के अनेकों रूप व रंग है। इससे अपने आपको बचाना है। शुभारंभ में प्रिया व विभाती ने संपूर्ण अवतार वाणी और हरदेव वाणी की संगीतमय प्रस्तुति की। समागम में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्त 'नंदीÓ, एमएलसी डा। केपी श्रीवास्तव, विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने सतगुरु माता का आशीर्वाद लिया। संचालन रश्मी व आभार जोनल इंचार्ज अशोक कुमार सचदेवा तथा संयोजक राधेश्याम ङ्क्षसह ने ज्ञापित किया।
कई जिलों से आए भक्त
निरंकारी संत समागम में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। इसमें प्रयागराज के अलावा कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बांदा, कानपुर, मिरजापुर, चित्रकूट सहित अनेक जिलों से श्रद्धालु आए थे। हजारों की भीड़ की व्यवस्था निरंकारी सेवादल के स्वयंसेवकों ने संभाली थी। दो हजार से अधिक महिला, पुरुष स्वयंसेवक सक्रिय रहे। वे श्रद्धालुओं के आने-जाने, बैठने व खाने, पीने के प्रबंध में लगे थे। इसके अलावा खोया-पाया केंद्र, पूछताछ केंद्र, स्वास्थ्य परीक्षण, निश्शुल्क डिस्पेंसरी का संचालन भी किया गया।