प्रयागराज (ब्‍यूरो)। डग्गामार वाहन शहर के सिविल लाइंस की खूबसूरती व ट्रैफिक सिस्टम के दुश्मन बन गए हैं। इसके चलते सड़क से लेकर फुटपाथ तक पर आम यात्रियों का चलना दुश्वार हो गया है। हनुमान मंदिर पुलिस चौकी से लेकर रोडवेज बस स्टैंड तक के हालात बद से बदतर हो गए हैं। पुलिस सहित तमाम अफसरों का यहां आवागमन बना रहता है। बावजूद इन डग्गामारों के जेहन में अफसरों और पुलिस का तनिक भी खौफ नहीं है। खुलेआम रोड और पार्किंग एरिया में उनका ही कब्जा है। हद तो यहां तक है कि बस स्टैंड गेट के सामने तक से सवारियों को पकड़कर वे अपनी गाडिय़ों में बैठा लेते हैं। ऐसा करने वालों व उनके डग्गामार वाहनों के विरुद्ध आज तक सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी। खैर मुख्यमंत्री कार्यालय तक मामला पहुंचने के बाद एसीपी सिविल लाइंस द्वारा मामले की गोपनीय जांच कराई गई है। जांच में जो तथ्य सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं।

रोडवेज बस स्टैंड के गेट पर भी हैं हावी
गोपनीय जांच में पाया गया है कि सिविल लाइंस रोडवेज बस स्टैंड तथा पुलिस चौकी हनुमान मंदिर के आस-पास डग्गामारी अधिक होती है। यहां पार्किंग में बस, मिनी बस तथा छोटी गाडिय़ों को खड़ा करके दलालों के द्वारा सवारियों को बुलाकर बैठाया जाता है। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि रोडवेज बस अड्डा के प्रवेश गेट के पूरब साइड शौचालय से सटी हुई चाय व पान की दुकान अवैध रूप से चलाई जाती है। साथ ही करीब 35 से 40 छोटी गाडिय़ों जैसे अर्टिका, स्विफ्ट डिजायर आदि का संचालन भी कराया करते हैं। यह सब कराने वालों में कुछ सिविल लाइंस तो एक व्यक्ति जानसेनगंज का है। नैनी इलाके के एक व्यक्ति द्वारा सिविल लाइंस बस स्टैंड व लोहिया चौराहा से लगभग 25 बसों को संचालित कराने का काम कर रहा है। इतना ही नहीं जांच में पाया गया है कि सिविल लाइंस बस स्टैंड से जौनपुर के लिए लगभग 35 बसों का संचालन झूंसी स्थित मलावां निवासी एक शख्स के जरिए कराया जा रहा है। डग्गामारों का यह काकस सिर्फ यहीं से खत्म नहीं हो जाता। इनकी जड़ें बरगद की तरह और भी इलाकों में फैली हुई हैं। बताया गया है कि रिपोर्ट के मुताबिक सिविल लाइंस पत्रिका चौराहे से प्रतापगढ़, सुल्तानपुर व अकबरपुर आदि क्षेत्रों व जनपदों के लिए बसों का संचालन प्रतापगढ़ जनपद स्थित कुंडा निवासी एक दबंग व्यक्ति के द्वारा कराया जा रहा है। सिविल लाइंस हनुमान मंदिर के मुख्य गेट के उत्तर साइड रोड पर बिलासपुर व नागपुर और दिल्ली की तरफ जाने वाली बसों का संचालन सिविल लाइंस में ही रहने वाले एक शख्स के जरिए कराया जाता है।

यहां भेजी गई रिपोर्ट पर एक्शन में झोल
सहायक पुलिस आयुक्त सिविल लाइंस द्वारा कराई गोपनीय जांच की रिपोर्ट से सम्बंधित पत्र संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन, डीएम प्रयागराज, पुलिस उपायुक्त नगर, अपर पुलिस उपायुक्त यातायात तक को भेजा गया है। पिछले महीने भेजी गई इस रिपोर्ट को लेकर उक्त विभाग बहुत गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इसके पीछे की वजह क्या है? फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है।

सिविल लाइंस में डग्गामारी से सम्बंधित रिपोर्ट कार्रवाई के लिए सम्बंधित विभागों को भेजी गई है। उन विभागों में प्रमुख रूप से संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन भी शामिल हैं। मेरे द्वारा हाल ही में आठ गाडिय़ों को सीज किया गया है।
श्वेताभ पांडेय, सहायक पुलिस आयुक्त सिविल लाइंस

इस तरह का कोई लेटर विभाग में सहायक पुलिस आयुक्त सिविल लाइंस द्वारा भेजा गया है, ऐसी जानकारी नहीं है। रही बात कार्रवाई की तो वह लगातार प्रवर्तन अफसरों के जरिए लगातार किया जा रहा है। यदि सिविल लाइंस में ऐसा कुछ है तो पुलिस को भी एक्शन लेना चाहिए।
संजीव गुप्ता, संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन

सहायक पुलिस आयुक्त सिविल लाइंस द्वारा भेजा गया पत्र मिला है। हमारे द्वारा करीब 68 गाडिय़ां अब तक सीज की गई हैं। वाहन मालिक तो वहां हमेशा रहते नहीं। यदि लोग गाड़ी खरीद कर रजिस्ट्रेशन कराए हैं और कागज कम्प्लीट है तो हम कार्रवाई कैसे करेंगे। यदि वहां अवैध रूप से वाहन चल रहे हैं तो पुलिस को कार्रवाई करे। नगर निगम को उनके लिए जगह देनी चाहिए।
अल्का शुक्ला, प्रवर्तन अधिकारी आरटीओ