प्रयागराज (ब्यूरो)डाक मनोरंजन क्लब के पूर्व सचिव स्व एमपी सिंह की याद में साहित्यिक संस्था गुफ्तगू और डाक मनोरंजन क्लब के तत्वावधान में गुरुवार की शाम कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन किया गया। इस मौके गुफ्तगू पत्रिका के स्पेशल एडीशन का विमोचन भी किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ शायर तलब जौनपुरी ने किया। चीफ गेस्ट के रूप में सहायक डाक निदेशक मासूम रजा राशदी मौजूद रहे। संचालन शैलेंद्र जय ने किया।

अब सच की हिफाजत कौन करे

ख़्यातिलब्ध शायर डॉ। नायाब बलियावी ने गर्मी को अपनी शायरी का विषय बनाया। कहा, सूरज का ऐसा है करम, टूट गया एसी का भरम, रुख पे पसीना हो जैसे, फूल के चेहरे पर शबनम।। विभु सागर की कविता काफी सरही गई जैसे टिविया में लागे रिमोट हो, बीवी खातिर नोट लागे हो। ' वरिष्ठ कवि अशोक श्रीवास्तव 'कुमुद' ने कहा-' क्यूं शमीमे इश्क भीनी, भूल दिल पाता कहां, इश्क की तासीर ऐसी, चैन दिल को आता कहां.Ó मासूम रज़ा राशदी ने नेय अंदाज में शेर पेश किया शुक्र को बूटी जड़ी मेहनत की और मां की दुआ, जानता हूं बस यही नुस्खा शिफा देगा मुझे। ' इम्तियाज अहमद गाजी की गजल खूब सराही गई झूठो की हुकूमत है हर सू, सच्चों की सदारत कौन करे। सब जानता है लेकिन चुप है, अब सच हिफ़ाज़त कौन करे.'

दुश्मनो से दोस्त ज्यादा वार करते हैं

अनिल मानव ने कहा'लड़कपन से लेकर बुढ़ाई की बातें, कि भाई समझता है भाई की बातें.Ó शिवाजी यादव ने कहा-'जननी की जग में भले, करे काम निस्वार्थ/ बाकी जग में जो करे, रखते है बे स्वार्थ.Ó प्रभाशंकर प्रयागी की शायरी खूब सराही गई, बाधाओं से वे डरें जिन्हें सड़कों की आदत है, हमें तो लांधकर पर्वत शिखर के पार जाना है.Ó युवा कवि धीरेंद्र सिंह नागा ने कहाकाटों से ज़्यादा भंवरे प्यार करते हैं, दुश्मनों से ज्यादा दोस्त वार करते हैं.Ó इनके अलावा अजीत शर्मा 'आकाशÓ, फरमूद इलाहाबादी, कमल किशोर कमल, गीता सिंह, डॉ। राकेश मालवीय 'मुस्कानÓ आदि ने भी कलाम पेश किया। अंत में कार्यक्रम के संयोजक राजेश कुमार वर्मा ने सबके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।