प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सायंकालीन संध्या की आठवीं कड़ी में अमीर खुसरों के गीत ''सइया के रंग हजार की प्रस्तुति, युवा गजल व सूफी गायक जलज और कबीर द्वारा प्रस्तुत किय गया। वाराणसी से पधारी प्रयागराज में अपनी दीक्षा-दीक्षा ग्रहण की युवा कथक नृत्यांगना शिवानी मिश्रा और उनके समूह द्वारा कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया। झारखण्ड के कलाकारों द्वारा खरसवां छऊ की प्रस्तुति की दर्शकों ने खूब सराहा। गुजरात की पारम्परिक गरबा नृत्य और डांडियां की प्रस्तुति नीतिन दबे और साथी कलाकारों द्वारा दी गयी। हिमांचल से आए राजकुमार राजकुमार और संगतकारों ने सांगला नृत्य प्रस्तुत किया। पंजाब में विवाह के अवसर पर बरातियों का स्वागत करने के लिए किया जाने वाले जिन्दुआं नृत्य की प्रस्तुति रवि कन्नूर और साथी कलाकारों ने की। मिर्जापुर से पधारे जटाशंकर के दल द्वारा चौलर नृत्य की प्रस्तुति को दर्शकों ने सराहा। वैशाखी के अवसर पर किया जाने वाले भांगड़ा नृत्य को अपने पारम्परिक परिधानों में सुसज्जित होकर ढोल की थाप और अलगोजे की धुन पर भांगड़ा नृत्य का प्रदर्शन दर्शकों में उत्साह का संचार किया छऊ नृत्य के माध्यम से माता रानी के महिषासुर मर्दिनी प्रसंग को जीवन्तता प्रदान की।