प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रधानमंत्री शहरी आवास का अनुदान लेने के लिए सक्षम होते हुए भी ढाई हजार से अधिक लोग गरीब बन गए। मजबूरी और गरीबी के चलते घर नहीं बनवा पा रहे लोगों के हक में अपात्र होते हुए भी सेंधमारी के लिए आवेदन कर दिए। ऐसे लोगों की मंशा पर नगरीय विकास अभिकरण के जिम्मेदारों ने पानी फेर दिया है। जांच में सामने आई सच्चाई को देखते हुए उन सभी को महकमे ने अपात्र घोषित कर दिया है। अब उन्हें इस योजना का लाभ तो नहीं मिलेग, मगर प्रश्न यह है कि यदि विभाग इतना सतर्क नहीं होता तो वह अपनी कुत्सित मंशा में सफल हो जाते।

29 हजार 700 लोगों ने किया था आवेदन
2017 से संचालित है यह योजना

सभी अपात्रों के आवेदन कैंसिल
जमीन होने के बावजूद शहर में तमाम ऐसे लोग हैं जो एक अदद अपनी छत के लिए तरस रहे हैं। इसके पीछे उनकी गरीबी और आर्थिक रूप से कमजोरी बड़ी वजह है। ऐसे लोगों को अपने जमीन पर मकान के लिए सरकार के द्वारा मदद की योजना तैयार की गई। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत ऐसे पात्र व्यक्तियों को मकान बनवाने के लिए ढाई लाख रुपये अनुदान देने का फैसला लिया गया। नगरीय विकास अभिकरण यानी डूडा में आई इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए तमाम अपात्र व्यक्ति भी कतार में लग गए। जबकि वह सक्षम होने के साथ अपात्र भी थे। बात सिर्फ इतनी ही नहीं उनके जरिए अनुदान का लाभ लेने के लिए बाकायदे आवेदन भी कर दिया गया। प्राप्त आवेदनों की विभाग के द्वारा जांच कराई गई। सूत्र बताते हैं कि जांच में करीब 02 हजार 888 आवेदक अपात्र पाए गए। इनमें कुछ ज्यादातर लोग सक्षम होते हुए भी लाभ के लिए आवेदन किए थे। इनमें ऐसे भी लोग रहे जो अनुचित तरीके से लाभ उठाने की कोशिश कर रहे थे। पड़ताल में सामने आई हकीकत के बाद विभाग के द्वारा इन सभी के आवेदन को कैंसिल कर दिया गया। इस तरह विभाग की सतर्कता से इस योजना में कुछ चालबाजों द्वारा सेंध लगाने की कोशिश नाकाम हो गई। कई ऐसे भी लोग इनमें हैं जिनके अपात्र होने के पीछे अन्य कई कारण भी शामिल हैं।

छब्बीस हजार पात्रों को मिला लाभ
योजना के तहत अनुदान का लाभ अब तक 26 हजार 119 लोगों को मिल चुका है। वर्ष 2017 से संचालित इस योजना लाभ के लिए 29 हजार 700 लोगों ने आवेदन किया था। ताकि ढाई के अनुदान की मिलने वाली मदद से वह अपना मकान बनवा सकें। इनमें से जांच के बाद 2888 आवेदन अपात्रों के मिले हैं।

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में जो लोग पात्र हैं उन्हीं को यह लाभ मिलेगा और दिया जा रहा है। आवेदनों की जांच में अपात्र मिले लोगों के आवेदन कैंसिल कर दिए गए हैं। कैंसिल फार्मों में तमाम ऐसे लोग थे जो सक्षम होते हुए भी लाभ लेने की कोशिश कर रहे थे। अपात्र व्यक्ति हर्गिज लाभ नहीं पा सकेंगे।
सुजीत सिंह, प्रबंधक सहज मिशन डूडा