प्रयागराज ब्यूरो । उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा फर्जी वकीलों को अलग थलग करने के लिए हर पांच साल पर पंजीकृत वकीलों का सत्यापन व पंजीकरण के नवीनीकरण करने के नाम पर 500 रूपये की वसूली का इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने विरोध किया है। साथ ही बार काउंसिल द्वारा जारी सत्यापन फार्म में लखनऊ हाईकोर्ट लिखने की निंदा की है और अपनी गलती तत्काल दुरुस्त करने की मांग की है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन अभिषेक शुक्ला ने कहा है कि बार काउंसिल अपनी आय व्यय का लेखा जोखा सार्वजनिक करे और नवीनीकरण के नाम पर धन उगाही तत्काल बंद करें। कहा अभी तक अधिवक्ता पंजीकरण शुल्क की आय से बार काउंसिल का खर्च चलता रहा है। वेलफेयर स्टैंप से कल्याणकारी योजनाएं चल रही है। ऐसे में सीओपी प्रमाणपत्र जारी करने के नाम पर वसूली ठीक नहीं है।
कानून का पालन करें लखनऊ के सदस्य
इन्होंने सत्यापन फार्म में इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ हाईकोर्ट एक प्रदेश में दो हाईकोर्ट लिखने की खामी को तत्काल दुरुस्त करने अपील की है और लखनऊ के सदस्यों को कानून का पालन करने की नसीहत दी है। दूसरी तरफ बार काउंसिल सदस्य व पूर्व अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय ने सत्यापन नि:शुल्क करने या शुल्क कम करने के लिए बार काउंसिल को पत्र लिखकर तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है। वहीं पर बार काउंसिल आफ इंडिया में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य श्रीनाथ त्रिपाठी ने सत्यापन में आने वाले खर्चे का हवाला देते हुए कहा है कि यह 500 रूपये से अधिक आयेगा। इसलिए लगाये गये शुल्क को सही करार दिया है। प्रयागराज अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एन के चटर्जी एवं आदर्श अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शरद चंद्र मिश्र ने कहा है कि फर्जी वकीलों को चिन्हित करने की कार्यवाही जिला अदालतों में एडवोकेट रोल तैयार कर की जा सकती है। पहले से तैयार हाईकोर्ट के एडवोकेट रोल का बार काउंसिल सत्यापन कराये, ताकि फर्जी वकीलों को न्यायिक प्रक्रिया से बाहर किया जा सके। सही वकीलों को अनावश्यक परेशान न किया जाए। इन्होंने बार काउंसिल के सत्यापन फार्म में लखनऊ हाईकोर्ट लिखने की निंदा की है और अपनी गलती तत्काल सुधारने की मांग की है।
सत्यापन फॉर्म पर लखनऊ हाई कोर्ट लिखने का विरोध
यंग लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार त्रिपाठी व वरिष्ठ उपाध्यक्ष भानु देव पांडेय ने बार काउंसिल से सत्यापन के लिए नि:शुल्क या उचित शुक्ल लेने तथा फार्म में लखनऊ हाईकोर्ट लिखने की गलती सुधारने की मांग की है। अधिवक्ता आरके पांडेय ने कटाक्ष किया कि क्या बार काउंसिल ने प्रदेश में दो हाईकोर्ट गठित करने का आदेश जारी किया है। सत्यापन फार्म में लखनऊ हाईकोर्ट लिखने पर आश्चर्य व्यक्त किया है।