प्रयागराज (ब्यूरो)।
उन्होंने कहा, झुग्गी झोपडिय़ों में रहने और बढऩे वाली एक पीढ़ी विकसित हो रही है। ये भारत माता की संताने हैं। यदि हम वहां नहीं पहुंचे तो वे असंस्कारी हो जाएंगे। समाज के लिए नासूर बनेंगे। हम सब को उन बस्तियों में जाकर उन्हें संस्कारित कर जग सिरमौर बनाएं भारत की कल्पना को साकार करना होगा।
सेवा बस्ती कार्य करना दुरूह
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश के मंत्री डा। रघुराज ङ्क्षसह ने कहा, सेवा बस्ती में कार्य करना अत्यंत दुरूह कार्य है लेकिन जो कार्य शुरू होता है उसमें सफलता मिल जाए तो आनंद ही आनंद है। हम समाज द्वारा समाज के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति हैं। वास्तव में हम उन बस्तियों में काम करते हैं जहां सरकारें नहीं जा पाती हैं। प्रशिक्षण वर्ग में काशी प्रांत से लगभग 100 सेवा केंद्र के संयोजक शामिल हो रहे हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा शिक्षा संयोजक रामस्वरूप, प्रांतीय सेवा प्रमुख कमलाकर तिवारी, क्षेत्रीय सीमा सेवा संयोजक राघव, सह शिक्षा सेवा संयोजक नरङ्क्षसह नारायण ङ्क्षसह, विद्यालय के प्रधानाचार्य बांकेबिहारी पांडेय आदि मौजूद रहे।