प्रयागराज ब्यूरो । दरियाबाद में आमिरुर रिजवी की ओर से शायराना महफिल आयोजित की गई। जिसमें शायरों ने अपने अशआरों से वाह वाही बटोरी बाद महफिल दस्तरख्वान सजा कर लोगों को दावत दी गई। इस मौके पर हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना जव्वाद हैदर रिजवी ने अपनी तकरीर में बताया की इस्लामिक माह जिलहिज्जा की अ_ारह को गदीर ए खुम के मैदान में पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद ए मुस्तफा (सअव)ने अल्लाह के हुक्म से हजरत अली इब्ने अबितालिब को हजारों के मजमे में एक ऊंट पर खड़े होकर यह ऐलान किया की मन कुंतो मौला फा हाजा अलीयुन मौला यानि जिसका मैं मौला उसके अली मौला। आज से अली मेरे जानशीन होंगे यह अल्लाह का हुक्म है इसकी नाफरमानी करने वाला मेरी नाफरमानी के बराबर होगा।
घरों में दी गयी दावत
दायरा शाह अजमल, बख्शी बाज़ार, दरियाबाद, रानीमंडी, शाहगंज, चक जीरो रोड, करैली, करैलाबाग आदि मोहल्लों में दिन भर जश्न का माहौल रहा। कहीं पुरुषों की ओर से तो कहीं महिलाओं की ओर से जश्न की महफिल सजाई गई। नजऱों नियाज़ के साथ मीठे पकवान बने और दस्तरख्वान सजा कर लोगों को दावत भी दी गई। मौलाना जवादुल हैदर व खुशनूद रिजवी की ओर से सभी को बन्द लिफाफे में ईदी भी दी गई। इस मौके पर जवादुल हैदर रिजवी, सैय्यद रजी हैदर, अम्मार जैदी, मोहम्मद अब्बास, शहरयार रिजवी, आबिद रजा, मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद जावेद, मीर कल्बे अब्बास, आमिरुर रिजवी, खुशनूद रिजवी, शाहिद अब्बास रिजवी, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, मकसूद रिजवी, जावेद रिजवी करारवी, कमाल हैदर वकार रिजवी, राशिद रिजवी, शाहरुख काजी, शबीह अब्बास जाफरी, हुसैन अख्तर, सूफी हसन, शीराज रिजवी, निराले भाई आदि शामिल रहे।