आरबीआई ने जारी की बैंकों के लाकर के लिए गाइड लाइन, एक जनवरी से बदलेगा नियम
बैंकों की ओर से मैसेज भेजकर ग्राहकों को किया जा रहा है एलर्ट
प्रयागराज (विनीत त्रिपाठी )। लॉकर एग्रीमेंट पॉलिसी के अनुसार किसी भी कस्टमर को लॉकर एलॉट करते समय बैंक उस ग्राहक के साथ एक मोहर लगे कागज पर एग्रीमेंट करेगा। दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित लॉकर समझौते की एक कॉपी लॉकर-किराएदार को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने के लिए दी जाएगी। समझौते की ओरिजिनल कॉपी बैंक की शाखा के पास होगी, जहां लॉकर की सुविधा ग्राहक को प्रदान की जाती है। एसएमएस और ईमेल से अलर्ट जब भी आप अपना लॉकर एक्सेस करेंगे तो इसका अलर्ट बैंक के माध्यम से ई-मेल और एसएमएस के जरिए दिया जाएगा। ये मैसेज दिन समाप्त होने से पहले बैंकों की तरफ से ग्राहक के पंजीकृत ईमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर पर पुष्टि के रूप में भेजा जाएगा। इस मैसेज में ग्राहकों को अनधिकृत लॉकर एक्सेस की स्थिति में दिनांक, समय और संभावित उपाय के बारे में सूचित करना होगा।
एसबीआई के 10000 ग्राहकों को लाभ
आरबीआई के नए नियमों से एसबीआई, पीएनबी, यूनियन बैंक समेत दर्जनों सरकारी और प्राइवेट बैंकों के हजारों ग्राहकों को लाभ होगा।
अकेले एसबीआई की मेन शाखा में 2 हजार लॉकर हैं और सभी शाखाओं को मिलाकर 10 से 11 हजार लॉकर मौजूद हैं।
इसी तरह अन्य बैंकोुं में भी लॉकर मौजूद हैं। एसबीआई में एक लॉकर का सालाना ढाई हजार रुपए किराया ग्राहकों को अदा करना होता है।
इन स्थितियों में बैंक देगा मुआवजा
आरबीआई के नए मानकों के अनुसार, बैंक की लापरवाही के चलते अगर लॉकर में रखी सामग्री को कोई भी नुकसान होता है तो इसके लिए बैंक को भुगतान करना होगा।
बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे परिसर की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएं जिसमें सुरक्षित जमा तिजोरी रखी गई है।
ये सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बैंक की है कि आग, चोरी/डकैती, इमारत का गिरना जैसी घटनाएं बैंक के परिसर में उसकी अपनी कमियों, लापरवाही और किसी चूक के कारण न हो।
बैंक ये दावा नहीं कर सकते हैं कि वे लॉकर की सामग्री के नुकसान के लिए अपने ग्राहकों के प्रति कोई उत्तरदायित्व नही है।
ऐसे मामलों में जहां लॉकर की सामग्री का नुकसान ऊपर दिए गए कारण या बैंक के कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण होता है, तो बैंक लॉकर के सालाना किराए का सौ गुना भुगतान करेगा।
इन स्थितियों में बैंक नहीं करेगा क्षतिपूर्ति
भूकंप, बाढ़, बिजली गिरने, आंधी-तूफान आदि प्राकृतिक आपदाओं, ग्राहक की गलती या लापरवाही के कारण लॉकर में रखी सामग्री को किसी भी तरह का नुकसान होता है, तो बैंक उसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। दूसरी ओर, बैंकों को ऐसी आपदाओं से अपनी सुविधाओं को सुरक्षित करने के लिए अपने लॉकर सिस्टम के साथ उचित सावधानी बरतनी होगी। लॉकर का किराया वसूलने के लिए बैंक सावधि जमा स्वीकार करना जारी रखेंगे।
अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर
अगर एकमात्र लॉकर होल्डर मृत्यु की स्थिति में किसी व्यक्ति को लॉकर का सामान लेने के लिए नामांकित करता है तो बैंक निर्धारित तरीके से एक सूची लेने के बाद अकाउंट होल्डर के डेथ सर्टिफिकेट और नॉमिनी की पहचान को लेकर वेरिफिकेशन करेगा और संतुष्ट होने के बाद नॉमिनी को लॉकर का सामान लेने की स्वीकृति देगा।
एक जनवरी से लॉकर से जुड़े नए नियम लागू हो रहे हैं। हम ग्राहकों को मैसेज भेजकर उन्हें एग्रीमेंट की जानकारी दे रहे हैंं। नियमानुसार अगर कोई क्षति होती है तो बैंक ग्राहक को किराए का सौ गुना तक भुगतान करेगा।
समीर गांधी चीफ मैनेजर, एसबीआई मेन ब्रांच