प्रयागराज ब्यूरो स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाकर छोड़ दिया गया है। वह किस कंडीशन में है यह देखना जिम्मेदार अब तक मुनासिब नहीं समझ रहे। इस अनदेखी का दंश यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। पांच प्रमुख ऐसे चौराहे हैं, जहां एक रूट का सिग्नल यात्रियों को दिखाई ही नहीं देता। क्योंकि यहां रोड किनार लगाए गए वृक्षों की टहनियों व पत्तों से सिग्नल पूरी ढक गया है। सिग्नल पर पत्तियों का पर्दा पड़ जाने के कारण यात्री काफी परेशान हैं। चौराहे के करीब पहुंचने पर पता चलता है कि सिग्नल रेड है। ऐसी स्थिति में तेज रफ्तार गाड़ी में उन्हें अचानक ब्रेक लगा कर रुकना पड़ता है। इससे एक्सीडेंट की आशंकाएं इन चौराहों पर बढ़ गई है। यात्रियों से जुड़ी ये समस्याएं सोमवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा किए गए रियलिटी चेक में सामने आई।

जानिए किस चौराहे पर कहां है दिक्कत
शहर का कटरा व्यापारिक एरिया है, बगल में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और बैंक रोड व कई हॉस्टल हैं। इसलिए कटरा चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था की गई। मगर, यहां कमिश्नर की ऑफिस साइड से कटरा चौराहे की ओर आने पर सिग्नल दिखाई नहीं देता। क्योंकि एक छोटे से वृक्ष की टहनियां इस सिग्नल के सामने आ गई हैं। यहां गाड़ी चलाते समय यदि यात्रियों की नजर ऊपर नहीं जाय तो सिग्नल दिखाई ही नहीं देता। इसी रूट से चौराहा के आगे मार्केट साइड बढऩे पर बाईं तरफ लगाया गया सिग्नल भी टहनियों और पत्तियों से ढक गया है।

चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल पर पड़ा पत्तियों का 'पर्दाÓ
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रेड लाइट पर पड़ा पत्तियों का पर्दा
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चौराहे हैं शहर में तिराहा भी है शामिल
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चौराहों पर सिटी में लगे हैं ट्रैफिक सिग्नल
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चौराहों पर पत्तियों से ढके मिले कई सिग्नल

ट्रैफिक मूवमेंट के बैरियर्सकैंपेन का नाम है लोगो बनाया जाएगा


पांच सौ मीटर दूर से भी नहीं दिखता सिग्नल
कटरा से कमिश्नरेट की तरफ बढ़ते वक्त सामने लगा ट्रैफिक सिग्नल के आगे सागौन की पत्तियां आग गई हैं। इससे यह सिग्नल भी यात्रियों को नजर नहीं आता। बालसन चौराहा शहर का अति वीआईपी व प्रमुख चौराहा है। क्योंकि इसी चौराहे से होकर लोग संगम के लिए आवागमन करते हैं। कंडीशन यह है कि संगम साइड यानी दारागंज की ओर से आते वक्त चौराहे पर सिग्नल लाइट लगाई गई है। यह सिग्नल लाइट भी रोड किनारे लगाए गए अशोक के वृक्ष की पत्तियों से ढक गया है। हालात यह हैं कि चौराहे से करीब पांच सौ मीटर दूर रहने पर भी यहां सिग्नल की लाइट नहीं दिखाई देती। बालसन चौराहे से आगे हिन्दू हॉस्टल साइड बढ़ते ही बीच में इंडियन प्रेस चौराहा पड़ा है। इंडियन प्रेस चौराहे पर भी ट्रैफिक सिग्नल लाइट लगाई गई है। मगर बालन की आर से आते वक्त टीक सामने चौराहा पार लगाई गई सिग्नल लाइट के सामने एक पेड़ तैयार हो गया है। इस पेड़ की वजह से सिग्नल यात्रियों को सिग्नल बिल्कुल ही दिखाई नहीं देता। रिपोर्टर काफी पास जाकर देखा तो पत्तियों के बीच सिग्नल जुगनू की तरह नजर आ रहा था।


म्योहाल चौराहे पर भी विकट समस्या
धोबी घाट से आगे म्योहाल चौराहे पर लेफ्ट साइड भी सिग्नल लाइट लगाई गई है। मगर यह सिग्नल लाइट भी रोड किनारे स्थित वृक्षों की टहनियों व पत्तियों से ढक गया है। यह सिग्नल तो काफी नजदीक आने के बावजूद दिखाई नहीं देता। जबकि इस रूट से होकर प्रति दिन हजारों अधिवक्ता व यात्री आवागमन करते हैं। म्योहाल चौराहे से रिपोर्ट धोबी घाट की तरफ बढ़ा। यहां धोबी घाट चौराहे पर पेट्रोल पम्प के पास लगाया गया सिग्नल भी वृक्षों के कारण दिखाई नहीं दिया। चौराहों पर सिग्नल की यह समस्या तो महज उदाहरण है। ऐसे कई चौराहे हैं जहां हजारों यात्रियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.इस चालान व हादसे का जिम्मेदार कौन?
जिन चौराहों पर सिग्नल लाइट पत्तियों व टहनियों से दिखाई नहीं देती वहां पर ई-चालान के लिए कैमरे भी लगाए गए हैं।
पत्तियों व वृक्षों की टहनियों से ढकी सिग्नल लाइट नहीं दिखने पर रेड होने के बावजूद वाहन चालक रुकने के लिए तय सीमा रेखा व चौराहा क्रास कर जाते हैं।
रेड सिग्नल दिखाई नहीं देने पर सीमा रेखा क्रास करते ही वाहनों का चालान हो जाता है। अब सवाल यह है कि इस चालान के पीछे गलती किसकी है।
वाहन चालक की गलती तो है नहीं, फिर वह इस चालान की भरपाई भला विभाग को बगैर कोई क्यों दे?
लोगों का कहना है कि जिन चौराहों पर अचानक काफी पास पहुंचने पर ब्रेक मारनी पड़ती है। ऐसे में यदि हादसा हो जाय तो उसका जिम्मेदार कौन होगा.सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इस समस्या को शीर्ष अफसरों के संज्ञान में लाया गया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सिग्नल लाइट के सामने टहनियों व वृक्षों की छटाई के लिए नगर निगम को पत्र लिखा गया है। जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी।
अमित कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज