प्रयागराज ब्यूरो । लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अपहरण कर ले जाया गया था देवरिया जेल
अतीत में सत्ता का खुला समर्थन था तो किस्मत सभी तरफ से साथ दे रही थी। लकीरों का लिखा भी बदल दिया जा रहा था। कुंडली में चौतरफा राजयोग ही असर दिखा रहा था। यह सब बातें अब अतीत बनने की ओर हैं। ग्रहों की चाल बदल चुकी है तो अतीत के दोष भी कुंंडली में महादोष बनकर उभरने लगे हैं। जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद के साथ अब ऐसा ही हो रहा है। सितारे साथ छोड़ चुके हैं शायद तभी पूरा परिवार बिखर चुका है। सभी एक-दूसरे का चेहरा देखने तक को मोहताज हो गये हैं। नाबालिग दो बेटे लावारिस की तरह बाल सुधार गृह में पड़े हुए हैं। अब तो सजा सुनाए जाने का भी दौर शुरू हो चुका है। जी हां, अतीक और उसके बेटे के खिलाफ गुरुवार को देवरिया जेल कांड में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। इस दौरान बेटा उमर फिजिकली कोर्ट में मौजूद रहा तो पिता अतीक वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े रहे।
चकिया निवासी अतीक अहमद सिर्फ दस दिन पहले तक सिर्फ आरोपित बताया जाता था। उसके खिलाफ मुकदमो का शतक पूरा हो चुका था लेकिन किसी एक केस में उसे सजा नहीं सुनायी गयी थी। 28 मार्च से अतीक की कुंडली में ग्रहों की पोजीशन चेंज हो चुकी है। इसका संकेत 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही मिल गया था। अब ग्रहों का प्रभाव असल में रंग दिखाने लगा है। आजीवन कारावास की सजा काट रहे अतीक अहमद पर अपहरण के एक और मामले में आरोप तय कर दिया गया है। इसे देवरिया जेल कांड के नाम से जाना जाता है। इसमें उसका बड़ा बेटा उमर भी नामजद है। इसी प्रकरण के बाद अतीक को यूपी के बाहर की जेल में ट्रांसफर किया गया था। देवरिया जेल कांड में इन दोनों के अलावा करीब एक दर्जन लोग आरोपित हैंं। कानून के जानकारों की मानें तो अब देवरिया जेल कांड में भी अतीक व उसके बेटे सहित कुछ अन्य को सजा हो सकती है।
लखनऊ निवासी हैं मोहित जायसवाल
विधानसभा चुनाव 2017 से ठीक पहले अतीक के सितारे गर्दिश की तरफ बढऩे लगे थे। शुआट्स में खुद अतीक और उनके गुर्गों ने जमकर बवेला मचाया था। इसके बाद वीडियो वायरल करके धमकी दी थी। यह प्रकरण अतीक के लिए घाव बन गया। इस मामले में वह जेल भेजे गये तो आज तक जमानत पर भी जेल से बाहर आने की नौबत नहीं आयी। सुरक्षा को लेकर खतरा बताते हुए अतीक को नैनी से देवरिया जेल ट्रांसफर किया गया था। मामला 2018 का है। देवरिया जेल में बंद होने के बावजूद उसके इशारे में पर गुर्गे बाहर दहशत का कारोबार करने में जुटे रहे। इसी दरम्यान लखनऊ के आलमबाग निवासी कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण हो गया। अपहरणकर्ता कारोबारी को लेकर देवरिया जेल गए थे। देवरिया जेल के अंदर मोहित जायसवाल की उसके अतीक और उसके बेटे उमर एवं गुर्गों ने पिटाई की थी। इसके बाद करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगते हुए प्रॉपर्टी एवं कंपनी अपने नाम करा लिए थे। किसी तरह जेल में अतीक व उसके गुर्गों के चंगुल से छूट कर मोहित जायसवाल बाहर आए। हिम्मत जुटाकर उन्होंने मामले की शिकायत अधिकारियों से की थी। जेल के अंदर अतीक के दबंगई और फल फूल रहे अपराध के साम्राज्य की खबर से प्रशासन तक हिल गया था। अधिकारियों ने मामले को संज्ञान लिया तो लखनऊ के कृष्णानगर थाने में केस दर्ज किया गया। आरोपितों में अतीक अहमद के साथ उसके बड़े बेटे उमर सहित करीब एक दर्जन लोगों के नाम शामिल थे। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई। तफ्तीश में पुलिस को मालूम चला था कि अपहरण में एसयूवी गाड़ी का इस्तेमाल हुआ था। मामले में आरोपित अतीक के दो गुर्गे सुल्तानपुर निवासी गुलाम इमामुद्दीन व प्रतापगढ़ का इरफान को लखनऊ पुलिस गोमतीनगर स्थित एक अपार्टमेंट से दबोच ली थी।
सरेंडर करके जेल गया था बेटा
देवरिया जेल कांड में नाम आने के बाद अतीक का बड़ा बेटा उमर अंडर ग्राउंड हो गया। प्रकरण की जांच सीबीआई के पास पहुंची तो उमर इनामी होता चला गया। बढ़ते-बढ़ते यह रकम ढाई लाख तक पहुंच गयी। इस बीच उमर के खिलाफ करीब एक लाख रुपये के इनाम घोषित हो चुके थे। इसके बाद भी न तो पुलिस उसे पकड़ पायी और न ही सीबीआई। फाइनली वह खुद सरेंडर करके जेल चला गया। इसके बाद से वह भी बाहर नहीं आया है। इसी अपहरण कांड में शुक्रवार को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अतीक व उसके बेटे उमर सहित एक दर्जन आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किया गया।
ऐसे सीबीआई तक पहुंची थी फाइल
कारोबारी अपहरण कांड की विवेचना लखनऊ की कृष्णा नगर पुलिस ने 2018 में की थी। बताते हैं कि इसके बाद मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ही प्रकरण में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद ही इस चर्चित केस की फाइल सीबीआई को ट्रांसफर हुई थी। फाइल ट्रांसफर होने के बाद सीबीआई ने 12 जून 2019 को मामले की विवेचना शुरू की थी। जांच में दर्जनों बार सीबीआई की टीम कौशाम्बी के चकिया स्थित अतीक अहमद व उसके घर तक दस्तक दी थी। जांच पूरी करने के बाद सीबीआई ने आरोपितों के खिलाफ अलग-अलग चार चार्जशीट दाखिल की है।