प्रयागराज (ब्यूरो)। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद की तरफ से आयोजित अपने अभिनंदन व स्वागत कार्यक्रम में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संगमनगरी प्रवास को सुखद क्षण बताया। बोले- संविधान के तीन अंगों विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका का संगम होने से ही देश आगे बढ़ेगा। इनमें कोई सर्वोच्च नहीं है केवल संविधान ही सर्वोच्च है। आपसी समरसता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार अधिवक्ता संरक्षण कानून लागू करने पर चर्चा कर रही है। इसके लिए कानून में बदलाव किया जाएगा।
बीमा पॉलिसी पर भी होगा काम
अधिवक्ताओं को बीमा पालिसी से जोडऩे की दिशा में विचार चल रहा है। वकीलों द्वारा कोर्ट में घसीटे जाने के डर से बीमा कंपनियां आगे नहीं आ रहीं। वकीलों को आयुष्मान योजना से बाहर रखा गया है। उनका स्वास्थ्य ठीक रहे सरकार इसकी चिंता कर रही है। अधिवकताओं के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधाएं उपलब्ध कराने में सांसद निधि या अन्य तरीके से मदद की जाएगी। उन्होंने सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के लिए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को नौ अगस्त शाम चार बजे का समय दिया। कहा आप दिल्ली आएं, वहां का खर्च सरकार उठाएगी। दो घंटे साथ जीवन आनंद पर चर्चा होगी।
एक सफर- हम सफर के साथ का जिक्र
कानून मंत्री ने पत्नी के साथ जीवन अनुभवों को संजोकर लिखी किताब 'एक सफर- हम सफर के साथÓ का उल्लेख भी किया। कहा, शादी भौतिक सुखों के लिए नहीं है यह आध्यात्मिक लगाव है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी व महासचिव विक्रांत पांडेय ने शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर कानून मंत्री का अभिनंदन किया। जस्टिस एमसी त्रिपाठी और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा का भी शाल भेंटकर स्वागत किया गया। संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे ने किया। इससे पहले हाई कोर्ट में कानून मंत्री का अपर सालिसिटर जनरल वरिष्ठ अधिवक्ता शशि प्रकाश, डिप्टी सालिसिटर जनरल वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश सहित केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं ने स्वागत किया। तत्पश्चात केंद्रीय मंत्री बार एसोसिएशन के समारोह में पहुंचे। यहां अध्यक्ष ने स्वागत करते हुए कहा कि हम अभी कुछ नहीं मांगेंगे। समय मिलने पर दिल्ली आकर समस्याएं रखेंगे।
महिला अधिवक्ताओं के आवास की डिमांड
इस पर कानून मंत्री ने कहा कि बार भले ही कुछ मांग नहीं रही किंतु वह यहां कुछ देने आये है। मेरे साथ विधि सचिव राज कुमार गोयल जो इंफ्र ास्ट्रक्चर देखते हैं, वह भी हैं। सुझाव मांगने पर एक महिला अधिवक्ता ने अधिवक्ताओं के आवास की समस्या उठाई। अध्यक्ष ने मांग की कि अधिवक्ताओं के लिए जमीन अधिग्रहण कर सस्ती दर पर प्लाट या आवास उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाए। इस पर मेघवाल ने पीडीए की सहायता से ऐसी योजना पर चर्चा का आश्वासन दिया। कहा, सरकार जमीन देगी वकीलों की सोसायटी बनाकर आवास योजना पर अमल करना होगा। आयोजन में उन्होंने सूरदास का यह भजन भी सुनायाप्रभु मेरे अवगुन चित न धरो। एक लोहा पूजा में राखत एक घर बधिक परो.Ó