प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के नव निर्मित प्रेक्षागृह में बुधवार को गगन दमामा बाज्यो नाटक का मंचन प्रशिक्षण प्राप्त कलाकारों के द्वारा किया गया। यह नाटक लेखक पियूष मिश्रा के द्वारा लिखा गया है, जो की देश भक्ति से ओत-प्रोत है। इस नाटक के मंचन को देखने के लिए एनसीजेडसीसी का प्रेक्षागृह दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। नाटक में किरदारों का मंचन प्रशिक्षित कलाकारों के द्वारा बड़ी ही नजाकत के साथ किया गया।

भगत सिंह के साथियों की भी बात
नाटक के निर्देशक ने बताया की यह नाटक भगत सिंह की जीवनी पर आधारित है। भगत सिंह की जीवनी के साथ ही उनके और अन्य क्रांतिकारियों जैसे पं.चंद्रशेखर आजाद, सदगुरू, सुखदेव समेत आजादी के लिए अंग्रेजों से सीधा लोहा लेने वाले क्रांतिकारियों के बारे में बताया है। इस नाटक मे एक ओर जहां उनके क्रांतिकारी स्वरूप को दिखाया, तो वहीं दूसरी उनकी मां, बाबूजी और उनकी प्रेमिका की लाचारी के बारे में। कि किस तरह एक मां अपने लाल और एक प्रेमिका अपने प्रेमी के स्पर्श को तरस जाती है। जब उन्हें लाहौर जेल में आजीवन कारावास हो जाता है।

अंकित हो गये सारे दृश्य
कलाकारों के द्वारा नाटक में किरदारों का मंचन इतने शानदार तरीके से किया गया की वहां बैठी ऑडियंस खड़ी होकर तालियां बजाने लगी। इसी के साथ वहां पहुंची दर्शक अदिति शर्मा ने का कहा कि कलाकारों के द्वारा किरदारों का मंचन बड़ी ही नजाकत के किया गया। इनके द्वारा प्रदर्शित किये दृश्य हमेशा के लिए मेरी यादों के पन्नों में अंकित हो गये है। वहीं कुछ लोग अपना मोबाइल निकाल इन मनोरम दृश्यों को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करने लगे। जिस पर वहां पहुंची दर्शक स्वप्निल ने बताया की इन पलों को भूला पाना मेरे लिये संभव नहीं है। क्योंकि बहुत ही कम ऐसा होता है कि जब कलाकारों के द्वारा देश भक्ति से ओत प्रोत नाटक का मंचन इतनी संजीदगी से किया जाए।

बिजली ने डाली खलल
नाटक के दौरान कई बार प्रेक्षागृह आती जाती रही। जिस वजह से बार बार कलाकारों संग दर्शकों का ध्यान भी भंग हो रहा था। इसी के साथ कई बार तो ऐसा लगा कि लोग बीच में नाटक छोड़ कर चल देंगे। मगर तब तक कलाकारों ने अपनी कला का जादू ऐसा बिखेर चुके थे। कि दर्शकों ने अपनी सीट छोड़ कर उठने के बजाए तालियां बजा कर कलाकारों को उत्साहवर्धन किया।