प्रयागराज (ब्यूरो)। बवाल कराने वालों की जड़ खोजने में जुटे डीएम और एसएसपी कई घंटे तक गोपनीय मीटिंग किए। सूत्र बताते हैं कि इस मीटिंग में जिले के अन्य अधिकारी व इटेलीजेंस और आलआईयू के लोग भी शामिल रहे। अफसरों को पता चला है कि अटाला में बवाल व पथराव करने वाले बालकों व युवाओं को फंडिंग की गई थी। इन्हें कंट्रोल करने वाले लोग दूसरे रहे थे। हिरासत में लिए जावेद से इसी बिन्दु पर पूछताछ की गई। बताते हैं कि जावेद और उसकी बेटी के मोबाइल को भी पुलिस ने जब्त किया है। पुलिस अफसरों की मानें तो जावेद पम्प की बेटी आफरीन के मोबाइल में कुछ वीडियो व मैसेज डिलीट कर दिए गए हैं। डिलीट किए गए उस मैसेज और वीडियो को रिकवर करने के लिए एक्सपर्ट को लगाए गए हैं। अफसरों का मानना है कि मैसेज व वीडियो रिकवर होने के बाद फंडिंग करने वालों के कुछ क्लू मिल सकते हैं। पुलिस को जावेद पम्प व उसकी बेटी सहित जिनके भी नाम साजिश रचने में मिले हैं उन सभी के बैंक अकाउंट की भी जांच कराई जाएगी।

बैंकों से लेंगे डिटेल

सूत्रों की मानें तो एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष सहित पार्षद फजल के अकाउंट व इनकी भूमिका की भी जांच शुरू कर दी गई है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसरों की मानें तो पत्थरबाजी कर रहे बालकों व युवकों को लालच देकर बुलाया गया था। पूछताछ के दौरान हिरासत में लिए गए युवकों ने यह बात पुलिस को बताई है। प्रकाश में आए इन सारे तथ्यों की अधिकारी हर एंगल से जांच कराने में जुटे हैं।

बेटी ने किया पिता का बचाव

अफसरों द्वारा पूरी घटना में मास्टर माइंड माने जा रहे जावेद पम्प की बेटी आफरीन ने कहा कि हमारे पिता सोशल एक्टीविस्ट हैं। उनका इस तरह के मामले में कभी कोई किरदार नहीं रहा है। कहाकि, पुलिस उन्हें क्यों परेशान कर रही यह बात उनकी भी समझ में नहीं आ रहा है। पुलिस के पास पिता जावेद को हिरासत में लेने का कोई अरेस्ट वारंट नहीं था। पुलिस के लोगों ने कहा था कि वह उनसे बात करना चाहते हैं। हमें कुछ समझ नहीं आ रहा कि पुलिस फादर को साजिशकर्ता क्यों बता रही। यदि हमारे या फादर के सोशल मीडिया पर जाकर देखें कि कहां हम लोगों ने किसी को भड़काने के पोस्ट या मैसेज किए हैं। बताते हैं कि जावेद की बेटी जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर हैं। फिलहाल सूत्रों की मानें तो जावेद के साथ उसकी छोटी बेटी से भी पूछताछ की जा रही है।