प्रयागराज ब्यूरो ।

क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: अपने पिता अतीक व चाचा अशरफ के घटते रसूख और दबदबा कम होता देख नाबालिक बेटे व भतीजे को यह बातें चूभ रही थी। वह जब भी अपने पिता व चाचा से मिलने जेल जाते तो उनके चेहरे पर परेशानी देख खून खौल जाता था। उन्हें ये बर्दाश्त नहीं था कि कोई पिता व चाचा के सामने खड़ा हो सके। इसलिए वो सब उमेश पाल को सबक सिखाना चाहते थे और उसकी हत्या में शामिल होना चाहते थे। पुलिस की जांच जब आगे बढ़ी तो पता चला कि अतीक के बेटे असद के अलावा एहजम भी शामिल था। बस घटना करने में बल्कि रेकी करने में दोस्तों के साथ शामिल था। पुलिस को कई अहम फुटेज हाथ लगी है। जिससे यह साफ हो गया कि अतीक के चौथे नंबर के बेटे एहजम ने भी रेकी की थी।

गोली चलाने का है बड़ा शौक बीएसपी तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्याकांड में एक बाद एक नए तथ्य सामने आ रहे हैं। गुरुवार को पुलिस के सूत्रों से पता चला कि अतीक के चौथे नंबर का नाबालिक बेटा एहजम भी उमेश पाल मर्डर की प्लानिंग का पार्ट बनना चाहता था। मौजूदा समय में एहजम की एज लगभग 16 साल के आसपास की है। उसे हथियार चलाने का बड़ा शौक है। लेकिन पिता अतीक ने गोली चलाने से उसका हाथ रोक रखा था। बेटे के अंदर गुस्सा व उग्र तेवर देख पिता ने सिर्फ रेकी करने की जिम्मेदारी दी थी। घटना के दिन बिना नंबर प्लेट व काली शीशे वाली गाड़ी में एहजम के अपने दोस्तों के साथ बैठे होने का दावा किया जा रहा है। पुलिस को गाड़ी का मूवमेंट होना कई बार उमेश पाल के घर के पास सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है। सूत्रों की माने तो एहजम पिता अतीक व चाचा अशरफ का बड़ा दुलारा है। वह अपने पिता व चाचा का दबदबा फिर से कायम करने के लिए घटना में शामिल होना चाहता था। लेकिन अतीक ने इनकार कर दिया था। अतीक अपने सबसे दुलारे नाबालिक बेटे को अभी अपराध की दुनिया में नहीं झोंकना चाहता था, वह एहजम के बैग में अभी किताबे ही देखना चाहता था। वह नहीं चाहता था कि वह किताबों की जगह बैग में पिस्टल लेकर चले। पुलिस को एक स्कूली बैग में हथियार मिला है। वह बैग भी एहजम का ही होने का दावा किया जा रहा है।

कौन सा बेटा है दुलारा, कौन गुस्सैल?
आज आपको दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट बतायेगा कि आखिर अतीक का कौन सा बेटा दुलारा और कौन सा गुस्सैल है। अतीक अहमद के पांच बेटे हैं। बड़ा बेटा उमर अहमद, दूसरा अली अहमद, तीसरा असद, चौथा एहजम और पांचवा आबान अहमद है। कहते हैं कि बड़ा उमर और दूसरा अली शांत स्वभाव का है। असद और एहजम बहुत गुस्सैल स्वभाव का है। छोटा आबान जिद्दी है। वह सिर्फ अपनी मां शाइस्ता परवीन की ही सुनता है। सूत्र बताते हंै कि 12वीं में पढऩे एहजम पिता का दुलारा है तो असद अपने चाचा अशरफ का लाडला है। बड़ा बेटा उमर शांत स्वभाव में रहकर राजनीति में उतरना चाहता था। वह अपने पिता अतीक का कमान संभालना चाहता था। जनता उमर को उसके स्वभाव के चलते पसंद भी कर रही थी। असद अपने चाचा अशरफ की राह पर चल चुका था।

एहजम को है टेक्निकल नॉलेज
12वीं में पढऩे वाला एहजम कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल चलाने के साथ-साथ टेक्निकल की जानकारी भी रखता था। आईफोन के फेसटाइम फीचर से बात करने का आइडिया भी उसी का था। इसके साथ ही वाट्सऐप गु्रप बनाकर बात करवाता था। चैट करवाता था।