प्रयागराज (ब्यूरो)।आखिरकार आरिफ ने जेल प्रशासन की नाक में भी दम कर दिया। आरिफ ने जान देने की कोशिश की। जानकारी होने पर उसे जेल अस्पताल में दाखिल करा दिया गया। यहां हालत पर कंट्रोल न होने पर जेल के चिकित्सकों ने उसे एसआरएन अस्पताल के लिए रिफर कर दिया। इसके बाद आरिफ को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। उस पर नजर रखने के लिए सिपाही लगाए गए हैं।
गौसनगर कांड का आरोपी है आरिफ
ये वही आरिफ है, जिसने अपनी मां और बहन की हत्या कर दी थी। गौसनगर करेली के रहने वाले आरिफ ने 19 जुलाई को सनसनी फैला दी। पूरा दिन शहर का आधा पुलिस प्रशासन उसके सनकीपन के पीछे परेशान रहा। आरिफ ने दोपहर में अपनी मां अनीसा और बहन आफरिन को मार डाला। भाई और भाभी पर जानलेवा हमला किया। पिता कादिर को मरणासन्न कर दिया। पुलिस पर एसिड से हमला किया। पचासों बोतल एसिड पुलिस पर फेंका। पुलिस ने उसे पकड़ा तो घर के अंदर से तलवार, चापड़ और छूरा, कुल्हाड़ी मिली थी।
जेल अफसरों को दी थी जानकारी
घटना के बाद पुलिस ने आरिफ को अरेस्ट किया। इसके बाद नैनी जेल भेजा गया। जेल में उसे सुपुर्द करते हुए करेली इंस्पेक्टर ने जेल अफसरों को इस बात की जानकारी दी थी कि आरिफ बहुत खतरनाक है। इससे सावधान रहने की जरुरत है। नैनी जेल में बंद आरिफ ने कोई ऐसी जानलेवा चीज निगल लिया जिससे उसकी जान पर बन आई। उल्टियां होने और गश खाकर गिर जाने की शिकायत पर उसे फौरन जेल अस्पताल में ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत खराब देख डाक्टरों ने उसे एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उपचार के लिए उसे भर्ती कराया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है।
भाई को किया फोन तब पता चला
जेल से सीयूजी नंबर 9454418264 से आरिफ के भाई मो.आजम के मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह नैनी जेल से बोल रहा है। इसके बाद मो.आजम को बताया कि आरिफ की तबियत खराब है। उसने कुछ ऐसा खा लिया है। जिससे उसकी हालत खराब हो गई है। उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस पर आजम ने उसकी देखरेख से इंकार कर दिया।
आरिफ ने लिखाया दो मोबाइल नंबर
आरिफ को जब जेल में दाखिल किया गया तो उसने वहां पर दो मोबाइल नंबर लिखवाया। पहला नंबर अपने भाई मो। आजम का। दूसरा नंबर अपने ससुराल वालों का। मो.आजम को नैनी जेल से फोन करने वाले कर्मचारी ने बताया कि उसने ससुराल वाले नंबर पर भी सम्पर्क का प्रयास किया था, मगर वहां फोन नहीं लगा।
पत्नी का नंबर नहीं दिया
आरिफ ने अपनी पत्नी का नंबर जेल में क्यों नहीं दर्ज कराया, ये बड़ा सवाल है। भाई और ससुराल का नंबर लिखा दिया, मगर पत्नी का नंबर न देना कई सवाल खड़े करता है। ऐसा क्या हो गया पति पत्नी के रिश्ते में कि आरिफ ने उसका नंबर भी देना ठीक नहीं समझा।