प्रयागराज (ब्यूरो)।इसे हत्या के बाद लोगों में पनपे डर का ही असर कहा जायेगा क्योंकि गर्मी के सीजन में मॉर्निंग वॉकर्स की संख्या कंपनी बाग में कम हो गयी है। पुराने शहर से बच्चों को लेकर स्कूल आने वाली महिलाओं ने कंपनी बाग को सुरक्षित एरिया मानकर वेटिंग टाइम स्पेंड करना अॅवायड करना शुरू कर दिया है। हम बात कर रहे हैं कंपनी बाग की। दिन भर चहल पहल वाले शहर के बीचोबीच बने इस पार्क में एक महिला की दिनदहाड़े निर्मम हत्या ने पूरा माहौल ही बदल दिया है। कम से कम गेट नंबर से इंट्री लेने वालों का डाटा तो ऐसी ही गवाही देता है। अगल बाद है कि शाम को यहां आने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं है।
सुबह से ही गुलजार हो जाता है पार्क
कंपनी बाग शहर का एकलौता ऐसा पार्क हैं जहां पर प्रतिदिन हजारों लोगों घूमने व वक्त बिताने के इरादे से आते हैं। हजारों की संख्या में मार्निंग वॉक के लिए लोग आते हैं। इस पार्क के आसपास बड़े स्कूल भी हैं तो सुबह यहां यह नौबत भी होती थी कि लोगों को गाडिय़ां पार्क करने के लिए स्पेश ही न मिले। जाम जैसी स्थिति बन जाती थी। करीब चार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में इसके अलावा कोई ऐसा पार्क या जगह नहीं जहां लोग एकांत और सुकून भरे पल गुजार सकें। दस बजे के बाद आने वाले लोगों का मकसद घूमना और पार्क में वक्त बिताना एवं बच्चों को घुमाने का ही होता है। इस पार्क की देखरेख और संरक्षण का काम उद्यान विभाग के पास है। पिछले कई वर्षों से पार्क में टिकट व्यवस्था लागू कर दी गई है। मौजूदा समय में गेट नंबर एक से लेकर कुल पार्क के चार द्वार पर टिकट काउंटर बनाए गए हैं। प्रति व्यक्ति पांच रुपये का टिकट लेकर लेने वाले को भी पार्क में इंट्री की इजाजत मिलती है। सुबह दस बजे से लेकर देर शाम तक पार्क में लोगों का मजमा लगा रहता है। क्षेत्रफल बड़ा होने के कारण यहां आने वाली पब्लिक की भीड़ बहुत पता नहीं चलती।
गेट नंबर एक पर पड़ा काफी असर
यही वह पार्क है जिसके गेट नंबर एक के सामने थोड़ा अंदर मजार है। इसी मजार के अंदर शनिवार यानी 13 मई को इरम हामिद सिद्दीकी की हत्या कर दी गई थी। कातिल उसके सिर और चेहरे को ईट व पत्थर से कूच कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद गेट नंबर एक से टिकट लेकर इंट्री करने वालों की संख्या घट गई है। जहां प्रति दिन 25 से 35 गड्डी टिकट की सेल हुआ करती थी वहीं घटना के बाद से महज 17 से 18 गड्डी ही टिकट की बिक्री बताई जा रही है। जानकार कहते हैं कि प्रति गड्डी में सौ टिकट होते हैं। मतलब यह कि पब्लिक के घटने से कंपनी बाग के गेट नंबर पर टिकट की सेलिंग भी घट गई है। टिकट की सेलिंग घटने के पीछे का कारण घटना के बाद से लोगों की घटी हुई संख्या ही मानी जा रही है।
आंकड़े बता रहे असर की हकीकत
कंपनी बाग में इरम की हत्या के पूर्व ओवर ऑल पार्क के चारों टिकट काउंट से 11 मई को 71 गड्डी टिकट की सेल हुई थी। यह टिकट कुल 7100 लोगों के द्वारा खरीदे गए थे।
12 मई को 7500 लोगों के जरिए 75 गड्टी टिकट की खरी की गई थी। आंकड़ों पर गौर करें तो इन दो दिनों में कुल 146 गड्डी टिकट की बिक्री हुई।
जिसे पार्क में आने वाले 14600 लोगों के द्वारा खरीदा गया।
पार्क में शनिवार 13 मई को हुई हत्या वाले दिन से लेकर 15 मई तक चारों काउंटर से कुल 238 गड्डी टिकट की बिक्री का रेकार्ड दर्ज किया गया।
प्रति गड्डी में 100 टिकट होते हैं। इस पर गैर करें तो यह 238 गड्डी टिकट इन तीन दिनों में पार्क आने वाले 23800 लोगों के जरिए खरीदा गया।
अगर दो दिनों में बिके टिकट की तुलना तीन दिनों के आंकड़ों से की जाय तो भी पार्क में आने वाले लोगों की संख्या हत्या के पूर्व कम ही है।
दो दिनों में जहां कुल 14600 लोगों वहीं तीन दिनों में केवल 23800 व्यक्ति ही पार्क पहुंचे और टिकट लिए।
बाक्स
घटना की डेट से अब तक बिके टिकट
तारीख बिके टिकट आए लोग
13 मई 74 गड्डी 7400
14 मई 96 गड्डी 9600
15 मई 68 गड्डी 6800
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नोट-प्रति गड्डी में होते हैं 100 टिकट।
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घटना से पार्क में आने वाले लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। ओवर ऑल टिकट की बिक्री करीब सेम है। यह बात दीगर है कि धूप के चलते कभी लोगों कम तो कभी अधिक आते हैं। यही वजह है कि टिकट भी कभी ज्यादा-कभी कम बिकते हैं।
उमेश चंद्र उत्तम
अधीक्षक राजकीय उद्यान प्रयागराज