प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद हाई कोर्ट में केस लिस्टिंग के लिए केस मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर दिया गया है। समस्याओं के निराकरण के लिए सीआइटी भवन में हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। महानिबंधक राजीव भारती ने तीन अधिकारियों को कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम पर कड़ाई से अमल करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट की विज्ञप्ति में कहा गया है कि अधिवक्ता अपनी लिस्टिंग से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए हेल्प डेस्क का सहारा ले सकते हैं। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव नितिन शर्मा ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। कहा है कि हेल्प डेस्क के प्रभारी संयुक्त निबंधक (न्यायिक) योगेश दुबे होंगे। वह कंप्यूटर सेंटर, स्टांप रिपोर्टिंग सेंटर, फ्र श फाइलिंग सेक्शन, लिस्टिंग सेक्शन सहित अन्य न्यायिक व गैर न्यायिक सेक्शन के अधिकारियों से सीधा समन्वय स्थापित कर समस्याओं का निराकरण कराएंगे। उनकी सहायता के लिए अभिषेक शर्मा, दुर्गा प्रसाद जायसवाल, अभिषेक सिंह को सहायक नोडल ऑफिसर बनाया गया है।
पहले एनआईसी के हाथों में थी व्यवस्था
लिस्टिंग की व्यवस्था पूर्व में नेशनल इनफारमेटिक सेंटर के हाथों में थी, लेकिन कई शिकायतों को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रशासन ने इस साल पहले कामकाजी दिन ही यह व्यवस्था एनआइसी से वापस ले ली थी। अब हाईकोर्ट प्रशासन खुद व्यवस्था देख रहा है। उसने साफ्टवेयर भी डेवलप कराया है। हाईकोर्ट कर्मचारी उस साफ्टवेयर पर काम कर रहे हैं और लिस्टिंग की नई व्यवस्था को लागू कर रहे हैं। हालांकि, शुरूआती दौर में वादों की सुनवाई सामान्य तौर पर नहीं हो पाई है। अधिवक्ताओं को सूचीबद्ध होने वाले वादों की जानकारी मैसेज से नहीं मिल रही है। इस वजह से दिक्कत है। माना जा रहा है कि व्यवस्था सामान्य होने में समय लगेगा। महानिबंधक ने चार जनवरी के आदेश से हेल्प डेस्क शुरू कराया है।
सुधार के साथ जारी होगी लिस्ट
बार एसो.के महासचिव ने कहा कि सोमवार की लिस्ट समय पर जारी हो गई है और आगे भी अन्य सुधार के साथ लिस्ट जारी होती रहेगी। बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आशुतोष पाण्डेय तथा संयुक्त सचिव (प्रशासन) सर्वेश कुमार दुबे का कहना है कि एसोसिएशन की कार्यकारिणी के प्रार्थना पत्रों को संज्ञान में लेते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता, जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा, जस्टिस समित गोपाल एवं अन्य न्यायमूर्तियों तथा अधिकारियों के सार्थक प्रयास से ऐसा हुआ है। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की विज्ञप्ति में कार्यकारिणी सदस्य अभ्युदय त्रिपाठी ने यह भी जानकारी दी है कि कार्यकारिणी के प्रार्थना पत्रों के क्रम में न्यायिक क्षेत्राधिकार की नई रोस्टर प्रणाली दो जनवरी 2024 को लागू की गई है।