प्रयागराज ब्यूरो । महीने भर एक साथ रहने के बाद बिछडऩे के डर से नम हो रहीं कल्पवासियों की आंख माघी पूर्णिमा स्नान के बाद महीने भर मेला क्षेत्र में कल्पवास करने वाले श्रद्धालु घरों के लिए रवाना होंगे। चला-चली के इस बेला में शुक्रवार को श्रद्धालु भावुक नजर आए। मठ और शिविरों में कल्पवासी एक दूसरे से मिलने और घर जाने के बाद फिर मिलने का वचन देते और लेते रहे। एक ही पाण्डाल और शिविर में कल्पवास करने वालों के बीच पारिवारिक स्नेह की झलक दिखाई दी। बिछडऩे के नाम पर कई ऐसे कल्पवासी रहे जिनकी आंखें भर आईं। सभी शिविर और पांडाल के परिसर में बैठकर एक दूसरे का एड्रेस व मोबाइल नंबर तक तक अदान प्रदान करते रहे। हर शिविर व पांडाल में भण्डारा और पूजा पाठ का दौर भी चलता रहा। एक महीने तक घर व परिवार से दूर रहे कल्पवासियों को अब फिर घर बार की चिंता और चर्चा सताने लगी है।
एक दूसरे का ले रहे एड्रेस और नंबर
पौष पूर्णिमा स्नान से माघ मेला का शुभारंभ छह जनवरी हो हुआ था। आस्था और विश्वास की इस नगरी में लाखों लाख श्रद्धालु मां गंगा और संगम के निर्मल जल में स्नान किए। महीने भर देश भर के श्रद्धालु यहां शिविरों और पांडालों में रहकर कल्पवास किए। इस बीच कल्पवासियों के दिलों एक दूसरे के प्रति अगाह स्नेह व लगाव बना। महीने भर साथ रहने के बाद अब मेला क्षेत्र से घर की ओर चला-चली की बेला है। पांच फरवरी रविवार को माघी पूर्णिमा स्नान के बाद के बाद ज्यादातर कल्पवासी घर चले जाएंगे। इसके पूर्व शुक्रवार को कल्पवासियों के शिविरों व पांडालों में हवन पूजन व भण्डारे का आयोजन हुआ। महीने भर कल्पवास के बाद जाने से पहले हर कल्पवासी यहां विधि विधान से पूजा और भण्डारा करके संत महात्माओं का आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद माघी पूर्णिमा स्नान करके घर चले जाते हैं। महीने भर साथ कल्पवासियों के दिनों में एक दूसरे के प्रति अगाध प्रेम भी दिखाई दिया। शीतला पण्डा त्रिशूल वाला झण्डा के शिविर में रहकर कल्पवास कर रहे श्रद्धालु शुक्रवार दोपहर भावुक नजर आए। रविवार को स्नान कर घर जाने और बिछडऩे की बात सोचकर कइयों की आंखें भर आईं। यही स्थिति बिहारी बाबा के आश्रम में भी दिखाई दी। शिविरों में कुर्सी लगाकर बैठे कल्पवासी एक दूसरे का हालचाल व एड्रेस से लेकर पारिवारिक ब्यौरा लेने और देने में जुटे रहे। एक दूसरे के मोबाइल नंबरों का भी खूब अदान प्रदान हुआ। कल्पवासी संतोष कुमार शुक्ल नौढिय़ा टोड़ी का पूरा कुण्डा प्रतापगढ़ के निवासी हैं। वह कहते हैं एक महीने यह शिविर ही हमारा घर और सभी कल्पवासी परिवार के रूप में थे। आज बिछडऩे का वक्त आया तो तकलीफ स्वाभाविक है।
परिवार जैसा माहौल बन गया था
गोरखपुर रुस्तमपुर के जयप्रकाश दुबे कहते हैं कि महीने घर से घर बार छोड़कर मां गंगा की शरण में हैं। अब माघी पूर्णिमा स्नान के बाद रविवार को घर लौटेंगे। साथ कल्पवास करने वालों से पारिवारिक लगाव सा हो गया है। बिछडऩे का ख्याल आता है तो आंखें भर आती हैं। घूरपुर चौकठा के कल्पवासी दिनेश कुमार साथ कल्पवास कर रहे लोगों को घर आमंत्रित करते रहे।
आज सुबह आठ बजे से रूट होगा डायवर्ट
पांच फरवरी रविवार को माघी पूर्णिमा स्नान के लिए होने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा चार शनिवार सुबह आठ बजे से ही रूट डायवर्जन लागू कर देगा। यह डायवर्जन छह फरवरी की दोपहर 12 बजे तक लागू रहेगा। प्रशासनिक व चिकित्सा से जुड़े वाहनों को छोड़कर एक भी गाड़ी मेला क्षेत्र में नहीं जाने दी जाएगी। गाडिय़ों को पार्किंग प्लाट नंबर 17, गल्ला मण्डी दारागंज, हेली पैड पार्किंग, काली सड़क पर यातायात पुलिस लाइंस के सामने व बगल बनी पार्किंग और ओल्ड जीटी कछार पार्किंग में पार्क कराई जाएंगी। स्नान के बाद घर वापस होने वाले कल्पवासियों के रूट को भी निर्धारित किया गया है। एसएसपी मेला ने कहा कि कानपुर, लखनऊ, रीवा की ओर जाने वाले कल्पवासी पांटूनपुल नंबर 04 से गंगा भवन तिराहा दारागंज होते हुए मेला क्षेत्र से बाहर जाएंगे। वाराणसी, जौनपुर की ओर जाने वाले कल्पवासी काली सड़क मार्ग से होते हुए टीकरमाफी से मेला क्षेत्र के बाहर जाएंगे। इसी तरह कल्पवासी पुल नंबर 02 से भी त्रिवेणी मार्ग होते हुए फोर्ट रोड चौराहे से होते हुए श्रद्धालु व कल्पवासी मेला से बाहर जा सकेंगे।