प्रयागराज (ब्‍यूराे)अतीक अहमद के गुनाहों की मार से खण्डहर में तब्दील कार्यालय के अंदर सोमवार को फिर एक रहस्य सामने आया। इस बार रहस्य के निशान देख कर हर कोई सन्नाटे में था। खण्डहरनुमा चकिया स्थित अतीक के इस कार्यालय में टैरिस से लेकर कमरे व किचन तक में ब्लड के स्पॉट थे। खून के धब्बे किचन के अंदर फर्श से दीवार तक पर दिखाई दिए। खून से सनी एक सब्जी काटने वाली चाकू भी मिली है। इसे लेकर किसी की हत्या होने या किसी के आत्महत्या करने की सूचना वायरल होने लगी। इस सूचना से पुलिस भी सन्नाटे में आ गयी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हर कोना छान मारा लेकिन, इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा कि यह खून है किसका। फोरेंसिक टीम को बुलाकर ब्लड सैंपल कलेक्ट करा लिये गये। पुलिस का कहना है कि जल्द से जल्द ब्लड सैंपल की रिपोर्ट मांगी गयी है ताकि यह पता चले कि यह खून आखिर है किसका। इसके बाद आगे की जांच की जाएगी। देर शाम तक इस प्रकरण में इसके अलावा कुछ बताने के लिए पुलिस के पास नहीं था।

हत्या से लेकर आत्महत्या तक की चर्चा
सोमवार की सुबह ब्लड स्पॉट मिलने की सूचना मिली तो मीडियाकर्मियों की भीड़ लग गयी। आसपास के लोग भी पहुंच गये। पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। पुलिस ने एक एक स्पॉट को चिन्हित करना शुरू किया तो पता चला कि अंदर एक सब्जी काटने वाला चाकू भी है। इस पर भी खून के निशान थे। इसी से चर्चा उड़ी कि या तो यहां किसी की हत्या की गयी है या फिर किसी ने आत्महत्या की है। जांच के लिए पुलिस अफसरों के द्वारा फोरेंसिक टीम बुलाई गई। टीम के जरिए जगह-जगह बिखरे ब्लड के सैंपल कलेक्ट किए गए। दूसरे फ्लोर पर रखे सोफे के ऊपर खून से सने किसी लड़की का कपड़ा पड़ा भी हुआ था। खून से सना लड़की का यह कपड़ा लोगों के जेहन में बिल्डिंग के अंदर किसी के कत्ल की आशंका को हवा दे दिया। फिलहाल, देर रात तक पुलिस यह मालूम नहीं कर सकी थी कि ब्लड किसी आदमी का है या जानवर का? इस बिल्डिंग के अंदर फैला हुआ खून रहस्य ही बना रहा। खुल्दाबाद पुलिस को अब फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है।

मार्च तक नहीं थे खून के दाग
आईएस 227 गैंग के सरगना रहे अतीक अहमद ने चकिया स्थित करबला चौकी के नजदीक अपना अलीशान कार्यालय बनाया था। इस दफ्तर को उसने चुनाव कार्यालय घोषित कर रखा था। पॉश इलाके में आलीशान इस दफ्तर के अंदर उसने हर स्तर की लग्जरी फेसेलिटी का इंतेजाम कर रखा था। यह बात उन दिनों है जब अतीक के सितारे व इकबाल दोनों बुलंदी पर हुआ करते थे। इस कार्यालय में अतीक दरबार लगाया गया था। शहर के बड़े-बड़े बिल्डर्स और नेता उसके उसके दरबार में यहां शिरकत किया करते थे। जमीन लिखाने व वसूली के इरादे से उसके जरिए अपहरण किए गए लोगों को इसी कार्यालय में रखा जाता था। इस कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर में पीछे साइड व टार्चर रूम बना रखा था। इस टार्चर रूम में अपहरण कर लाए गए लोगों के साथ अतीक जुल्म की वह इबारत लिखता था, जिसे सुनकर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है। खैर अब यह बातें पुरानी हो चुकी हैं। सरकार के द्वारा माफियाओं के खिलाफ चलाए गए अभियान में अतीक के इस कार्यालय का भी काफी हिस्सा पीडीए के द्वारा तोड़ दिया गया था। तब से आज तक यह उसी तरह खण्डहर हालत में पड़ा हुआ है।

खून से पूर्व ये राज जानना जरूरी
अलीशान इमारत का आगे का हिस्सा ढहाये जाने के बाद यहां कैसे किसी का आना जाना होता था जबकि खुद अतीक का परिवार नहीं रहता था
उमेश पाल हत्याकांड के बाद वह मकान भी ढहा दिया गया था जिसमें अतीक का परिवार किरायेदार के रूप में रहा करता था
यह कार्यालय 22 मार्च 2023 को फिर से चर्चा में आया था जब पुलिस टीम ने छापेमारी की थी। पुलिस ने यहां से दस पिस्टल, करीब 72 लाख 62 हजार रुपये और भारी मात्रा में कारतूस के साथ पांच लोग गिरफ्तार किए जाने का दावा किया था।
असलहों का जखीरा बरामद करने वाली पुलिस का दावा था कि पैसा और बरामद असलहे अतीक के गुर्गों ने उसकी पत्नी व बेटों के इशारे पर यहां छिपाया था।
इस कार्रवाई के वक्त खण्डहर होने के बावजूद इस कार्यालय में अतीक के गुनाहों के नए रहस्य सामने आए थे।
उस वक्त पुलिस के द्वारा की गई जांच में ग्राउंड फ्लोर पर टेरिस के पास स्थित कमरे में पड़े तख्त पर लड़कियों के कीमती कपड़े और दूसरे फ्लोर पर किचन में रोटी व दूध के पैकेट और किचन से सटे रूम में रखा सोफा व आलमारियों में बोझ जमीन व अतीक के अपराध से जुड़ी फाइल डंप मिली थी।
यानी संकेत थे कि ऑफिस बाहर से भले ही खण्डहर दिखता हो, इसके भीतर कुछ न कुछ चल रहा था। उसके लोगों का यहां बराबर आना जाना था
इसी महीने की 15 तारीख को अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या हुई तो यह खण्डहर फिर से चर्चा में आया
उस वक्त चेकिंग हुई तब खून का किसी प्रकार का कोई निशान मौजूद नहीं था
सोमवार को बिल्डिंग के अंदर ग्राउंड फ्लोर से लेकर दूसरे फ्लोर तक जाने वाली टैरिस पर कई जगह ब्लड के स्पॉट मिली। खबर पर खुल्दाबाद पुलिस पहुंची और जांच शुरू की गई। तफ्तीश में दूसरे तल पर किचन में फर्श से लेकर दीवार तक पर खून के छीने दिखाई दिए।
किचन के बगल वाले रूम में रखे सोफा के ऊपर पड़े किसी लड़की के कपड़े पर खून के जगह-जगह कई धब्बे थे। फर्स पर पड़ा ब्लड देखने से ऐसा लग रहा था मानों किसी को पकड़ कर घसीटा गया हो।
यह सारे हालात देखकर पुलिस के साथ पब्लिक भी अतीक के कार्यालय में किसी के खून की आशंका से ग्रसित थे। खून किसका है यह तथ्य फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही क्लियर होगा।

पब्लिक को चाहिए इन सवालों का जवाब
अतीक अशरफ हत्याकांड के बाद से इस कार्यालय के आसपास पुलिस का लगातार पहरा है। इसके बाद इस खण्डहर के भीतर कोई कैसे और कब पहुंचा
एक कमरे की खिड़की का शीटा टूटा हुआ है। खिड़की का शीशा टूटे होने से इस घटना का कोई वास्ता है भी या नहीं?
खून किसी इंसान का है या फिर किसी जानवर का?
किसी जानवर का खून है तो वह इस तरह से बिखरा हुआ क्यों था? इस तरह से ब्लड स्पॉट छोड़ देने के पीछे की मंशा क्या थी?
खून किसी जानवर का था तो सोफे के ऊपर पड़ी चुन्नी तक कैसे पहुंचे। घसीटे जाने की निशान कैसे बने?
क्या जानबूझ पर पुलिस का ध्यान डायवर्ट करने के लिए ऐसा किया गया है?
क्या पुलिस का ध्यान एक बार फिर से खींचने के पीछे फिर किसी नई साजिश का खुलासा कराने की मंशा है?
किसी ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि पुलिस नए सिरे से पूरे आफिस की पड़ताल करे और कोई गहरा राज जो इस बिल्डिंग में दफन है सामने आ जाए?

देखिए फोरेंसिक टीम की जांच रिपोर्ट आने से पहले कुछ भी बहुत विश्वास के साथ कहना उचित नहीं होगा। रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस हर एंगल पर जांच कर रही है। जो भी तथ्य होंगे जल्द ही सामने आएंगे।
अनुराग शर्मा थाना प्रभारी खुल्दाबाद