प्रयागराज ब्यूरो ।एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के रहने वाले मन्ना लाल की हत्या उसके बेटे ने ही कराई थी। पिता से नाराज बेटे ने हत्या के लिए पांच लाख रुपये में सौदा किया था। बेटे को शक था कि पिता प्रापर्टी किसी दूसरे के नाम कर सकता है। इस पर बेटे ने पिता को मरवा देने की योजना बनाई। पुलिस ने मन्ना लाल मर्डर केस का खुलासा कर दिया है। मामले में पुलिस ने बेटे समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस ने पेशगी के तौर पर दिए गए तीस हजार रुपये में से सोलह हजार रुपये भी बरामद किए हैं।
सड़क किनारे मिली थी बॉडी
एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के चिरला मुंजप्ता गांव के रहने वाले मन्ना लाल की बॉडी 30 अक्तूबर की सुबह बिलासपुर गांव के पास सड़क किनारे मिली थी। मन्ना लाल सुबह पान खाने के लिए मोपेड से निकले थे। लौटते वक्त मन्ना लाल के सिर पर लोहे की रॉड से हमला किया गया। खून से लथपथ मन्ना लाल को लोग जब तक अस्पताल ले जाते, तब तक मन्ना लाल की मौत हो चुकी थी।
परिवार से अलग रहता था मन्ना लाल
मन्ना लाल के एक बेटा कल्लू और तीन बेटियां हैं। करीब तीस साल से मन्ना लाल परिवार को छोड़कर अकेले बिलासपुर गांव में अपने खेत में घर बनाकर रहता था। परिवार वालों से कोई ज्यादा वास्ता नहीं रह गया था। बेटे कल्लू ने मेहनत मजदूरी करके अपनी तीन बहनों की शादी की। इस दौरान उसने ट्रैक्टर लोन पर लिया। मगर लोन चुका नहीं पाने की वजह से उसका ट्रैक्टर फाइनसेंस कंपनी से वापस ले लिया। पिता की बेरुखी से कल्लू उससे इस हद तक नाराज रहने लगा कि कल्लू ने पिता की हत्या कराने की ठान ली।
लोहे से पीटकर कर दिया था अधमरा
कल्लू ने अपने परिवार के रिश्ते में भाई सुनील कुमार उर्फ अजय कुमार से पिता की हत्या करवाने की बात की। सुनील ने इसके लिए हामी भर ली। दोनों के बीच में पांच लाख में सौदा तय हुआ। पेशगी के तौर पर कल्लू ने तीस हजार रुपये सुनील को दे दिया। सुनील ने इसके बाद कल्लू की मुलाकात वीरेंद्र कुमार उर्फ विन्ना से कराई। विन्ना ने मन्ना लाल की हत्या की सुपारी ले ली। विन्ना ने सुमित निवासी मंदर मोड़ थाना पूरामुफ्ती और नन्हा निवासी मंदर मोड़ थाना पूरामुफ्ती को हत्या की जिम्मेदारी सौंपी। पुलिस के मुताबिक घटना वाले दिन विन्ना और सुमित मन्ना लाल के पीछे लगे थे। पान खाकर लौटते वक्त जैसे ही मन्ना लाल सूनसान सड़क से गुजरा दोनों ने पीछा कर लोहे की रॉड से उसे मरणासन्न कर दिया। इसके बाद दोनों निकल गए। उधर से गुजरे लोगों ने मन्ना लाल को घायल देखा तो पुलिस को सूचना दी। मगर पुलिस जब तक पहुंचती, काफी देर हो चुकी थी। पुलिस ने इन पांचों के अलावा शिवप्रकाश निवासी मीरपुर थाना पूरामुफ्ती और अंशु निवासी भगवतपुर थाना एयरपोर्ट को भी पकड़ा है।
पुलिस को था बेटे पर शक
मामले की विवेचना कर रहे थाना प्रभारी योगेंद्र प्रसाद को शुरु से ही बेटे कल्लू पर शक था। घटना वाले दिन ही उसे पकड़कर पुलिस ने पूछताछ की थी। इस दौरान जब पुलिस का शक पक्का हो गया तो उसे छोड़ दिया गया। पुलिस से छूटने के बाद कल्लू ने मोबाइल पर बात की। इस दौरान उसका नंबर सर्विलांश पर रखा गया। मोबाइल सर्विलांश पर होने से कई अहम जानकारी पुलिस को लगी। पुलिस ने रविवार को सभी को पकड़ लिया।
लोन लेकर देता बकाया रकम
पुलिस को पूछताछ में कल्लू ने बताया कि पिता की हत्या के लिए उसने अभी केवल तीस हजार रुपये दिया है। बाकी का पैसा वह जमीन पर लोन लेकर देता। कल्लू पंद्रह लाख रुपये लोन लेना चाहता था। पुलिस के मुताबिक कल्लू दो महीने से पिता की हत्या करवाने के लिए योजना बना रहा था।
मन्ना लाल तीस साल से दूसरी जगह पर परिवार से अलग रहता था। उसका परिवार से ज्यादा वास्ता नहीं था। बेटे कल्लू को शक था कि पिता कहीं अपनी प्रापर्टी दूसरे के नाम न कर दे, इस लिए वह अपने पिता की हत्या करा देना चाहता था। कल्लू ने अपने परिवार के भाई के साथ मिलकर पांच लाख की सुपारी दी थी।
वरुण कुमार, एसीपी धूमनगंज