प्रयागराज ब्यूरो । बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद कृष्णा डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में कदम रखा। यह काम करते हुए कई साल बीत गए और उसे इनकम नहीं दिखाई दी। मंशा के अनुरूप आय नहीं होने से खिन्न कृष्णा सफलता के लिए खुद को नहीं रास्ता ही चेंज कर दिया। नया काम शुरू करने के लिए वह सोच ही रहा था कि रास्ता उसके हाथ लग गया। केस का खुलासा कर रहे पुलिस कमिश्नर ने कहा बताया कि ऑनलाइन वह पहले से भी काफी एक्टिव रहा करता था। इस बीच ऑनलाइन ही उसकी मुलाकात जय नाम के शख्स से हुई थी। जरिए मैसेज दोनों में दोनों के बीच बातें शुरू हुईं। कृष्णा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि जय नामक शख्स उससे काम धंधा के बारे में पूछा था। वह ऑनलाइन मार्केटिंग को बंद करके नए धंधे की तलाश के बारे में उसे बताया था। यह सुनते ही जय ने ही उसे ऑनलाइन गेमिंग से जुडऩे की सलाह दी। उसके द्वारा समझाई गई बातों में कृष्णा को दौलत की बारिश दिखने लगी। कृष्णा इस धंधे से जुड़ गया। शुरुआती दौर में जय अपने बारे में उसे कुछ भी नहीं बताया था। सिर्फ वह कृष्णा को जरिए मैसेज ही ऑनलाइन सारे हुक्म दिया करता था।
लालच देकर खुलवाता था खाता
जय के कहने पर वह लोगों के करेंट बैंक अकाउंट कमीशन का लालच देकर लिया करता था। लोगों से कलेक्ट किए गए बैंक अकाउंट की सारी डिटेल वे आका जय ऑनलाइन ही दिया करता था। कृष्णा जिन लोगों का अकाउंट लेता था उन्हें आने वाली रकम में से प्वाइंट सेवन प्रतिशत कमीशन देता था। उसके जरिए भेजे गए बैंक अकाउंट का प्रयोग शातिर जय ऑनलाइन गेम खेलने वालों से रुपयों को मंगाने में किया करता था। इस काम से बतौर कमीशन कृष्णा को अच्छी खासी इनकम दिखाई देने लगी। जेब का पैसा लगाए बगैर रुपयों की बारिश देखकर वह इस आनलाइन गेमिंग के जरिए फ्राड गैंग का एक्टिव मेंबर बन गया। धीरे-धीरे वह अपने काम से जय का विश्वास पात्र गुर्गा बन गया। इसके बाद जय अपने बारे में उसे बताया कि वह दुबई में रहता है। इतना कुछ हो गया और दोनों का एक दूसरे अब तक आमना सामना नहीं हुआ। सारी बातें दोनों ऑनलाइन ही किया करते थे।
इस तरह होता था पैसों का लेनदेन
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि
ने कहा कि जार्जटाउन पुलिस को इस फ्राड के बारे में सटीक खबर मिली थी। गिरफ्तार शातिर की तलाश में थाना व साइबर सेल की टीम जुटी हुई थी।
सटीक लोकेशन मिलने के बाद शातिर कृष्णा अवतार को गिरफ्तार कर लिया। उसने यह खुद भी स्वीकार किया कि जय से उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के मध्यम से हुई थी।
बताया कि जय दुबई में रहता है। उसी के कहने पर वह लोगों के बैंक का अकाउंट कमीशन का लालच देकर लेता था।
वह आधार कार्ड आदि भी लोगों से लेकर उनके नाम से बैंक अकाउंट खोलवा लेता था। बैंक अकाउंट के साथ ऑनलाइन यूजर आईडी व पासवर्ड आदि भी लेकर जय को दिया करता था।
जय ऑनलाइन गेमिंग का पैसा बताकर उन खातों में करोड़ों रुपये मंगा लिया करता था।
बैंक में पैसा आने के बाद खाता होल्डरों को कमीशन का पैसा देने के बाद कृष्णा अवतार शेष रुपयों को बाइनेंस एप के जरिए क्रिप्टो करेंसी में बदलकर जय के द्वारा बताए गए वॉयलेट एड्रेस पर ट्रांसफर कर दिया जाता था।
अभियुक्त कृष्णा अपनी पहचान छिपाने के लिए आधार कार्ड में हेराफेरी कर दिया करता था।
पिछले दस दिनों इस ऑनलाइन गेमिंग के जरिए बाइनेंस ऐप के द्वारा करीब तीन करोड़ 74 लाख 83 हजार 127 रुपये को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर जय बताए वॉलेट एड्रेस पर भेज चुका है।
पुलिस अफसरों ने कहा कि अभी तक की पूछताछ व जांच में सिर्फ इतना ही पता चला है। कृष्णा के जरिए कुल 100 बैंक अकाउंट खुलवाए गए हैं।
अब पुलिस सभी अकाउंट का डिटेल लेकर सम्बंधित बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी। अभियुक्त के पास से एक एप्पल मैक बुक, पांच मोबाइल फोन, 26 हजार नकद व कूटरचित आधार कार्ड बरामद किए गए हैं।
टीम को 50 हजार इनाम की घोषणा
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि तफ्तीश के दौरान इस पूरे मामले में और खुलासा होने का अंदेशा है। शातिर की गिरफ्तारी करने वाले टीम में शामिल जार्जटाउन थाना प्रभारी धीरेंद्र सिंह, उप निरीक्षक अमित कुमार चौरसिया, हेड कांस्टेबल, शिवशंकर सिंह, कां। सुनील यादव व साइबर सेल के उप निरीक्षक विनोद कुमार यादव, कां। आशीष शर्मा, कृष्णवीर सिंह, सचिन कुमार, निरीक्षक ओम प्रकाश सहित पूरी टीम को 50 हजार रुपये के इनाम की सीपी द्वारा घोषणा की गई है।
आनलाइन गेमिंग के जरिए फ्राड का यह बड़ा मामला सामने आया है। विवेचना के जरिए पूरी जड़ का पता लगाया जाएगा। बैंक से लेकर इस गेम से जुड़े किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा।
रमित शर्मा, पुलिस कमिश्नर प्रयागराज