प्रयागराज (ब्‍यूरो)। स्वामी विवेकानन्द के अनुसार गणराज्य का पर्याय स्वराज है। इसके माध्यम से प्रत्येक हिन्दुस्तानी को शक्ति प्रदान की गयी है। इसी के माध्यम से हम अपने उत्तरदायित्वों का बखूबी निवर्हन करते हैं। इसी के माध्यम से हमारी आधारभूत सुविधाओं का क्रियान्वयन सहित हमारी संस्कृति में विचारों का आदान-प्रदान होता है। स्वामी विवेकानन्द ने स्वराज के माध्यम से ही एक तरह से नये युग की शुरूआत की है जो ऐसे महापुरूषों के नाम से अविरल चलती रहेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम लोग उनके द्वारा बताये गये मूल्यों का क्रियान्वयन किस तरह से करें। ऐसे महापुरूषों द्वारा बताये गये मूल्यों के आधार पर ही हमारे संविधान की संरचना हुई है जिसमें सभी को बराबर का अधिकार दिया गया है, किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नही किया गया है। एक-दूसरे के प्रति सामान्तर भाव रखना हम लोगों का नैतिक कर्तव्य है। ये बातें इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस अजय भनोट ने बुधवार को लाइब्रेरी हाल में आयोजित प्रोग्राम में कही।

सीनियर को दें पूरा सम्मान
बुधवार की शाम हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हाल में 'स्वामी विवेकानन्द विधि व्याखान मालाÓ के अन्तर्गत संविधान में वर्णित प्रस्तावना में उल्लिखित शब्द 'गणराज्यÓ विषय पर प्रोग्राम का आयोजन एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। संचालन संयुक्त सचिव लाइब्रेरी अजय सिंह ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में जस्टिस अजय भनोट शामिल रहे। बार के महासचिव नितिन शर्मा, उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव प्रशासन सर्वेश कुमार दुबे एवं संयुक्त सचिव प्रेस अमरेन्दु सिंह द्वारा संयुक्त रूप से चीफ गेस्ट का स्वागत किया गया। जस्टिस भनोट ने कहा कि जिस प्रकार से हमारे जीवन में एक पिता की भूमिका है, ठीक उसी प्रकार से प्रोफेशन के क्षेत्र में हमारे सीनियर की होती है। हमें अपने सीनियर का सम्मान करना चाहिए। गुरू-शिष्य एवं चैम्बर की परम्परा बनाये रखना हम सभी का कर्तव्य है। केवल अध्ययन के माध्यम से हम आगे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा कोई अन्य रास्ता नही है। किसी भाषा को कम नही मानना चाहिए। मेरा मानना है कि हम हिन्दी बोलें तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई जी तरह और अंग्रेजी बोलें तो डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की तरह। अधिवक्ता पूरी सेवा भाव से कार्य करते हैं।

मील का पत्थर साबित होगी कार्यशाला
कार्यकारिणी सदस्य श्री विनोद राय ने कहा कि यह विधि व्याख्यान माला ज्ञान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित के श्रीवास्तव ने किया। आशुतोष पाण्डेय, अशोक कुमार त्रिपाठी, अजय कुमार मिश्र (अजय जय हिन्द), अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, स्वर्ण लता सुमन (उपाध्यक्षगण), सर्वेश कुमार दुबे (संयुक्त सचिव, प्रशासन), अजय सिंह (संयुक्त सचिव लाइब्रेरी), अमरेन्दु सिंह, (संयुक्त सचिव प्रेस), अंजना चतुर्वेदी (संयुक्त सचिव, महिला), आशीष कुमार मिश्र (कोषाध्यक्ष), प्रीति द्विवेदी, श्रीमती सरिता सिंह, अभ्युदय त्रिपाठी, विनोद राय, अमित कुमार पाण्डेय, ओम प्रकाश विश्वकर्मा, अरविन्द कुमार सिंह, अरूण कुमार त्रिपाठी, आशुतोष मिश्र, सुधीर कुमार केसरवानी, साइमा सहेर, अनिरूद्ध ओझा, अनिल कुमार मिश्र, गुलाब सिंह यादव एवं अनिल प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे।