प्रयागराज (ब्यूरो)। आयुष्मान कार्ड के जरिए साल में पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज कराने का लाखों का सपना चूर हो गया है। किन्ही कारणों से उनके कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा कार्ड शादी के बाद लड़कियों के निरस्त हुए हैं। इसके अलावा बुजुर्गों की जन्मतिथि मैच नही होने से भी यह कदम उठाया गया है। सबसे अहम कि जिनके कार्ड निरस्त हुए हैं उनको इसकी जानकारी नही है। जब वह इलाज कराने जाएंगे तो उन्हे निराश होना पड़ सकता है।

आठ लाख से अधिक है कार्ड धारक

जिले में कुल 8 लाख 14 हजार लोगों का आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्ड बनाया गया है। जिसमें 20 फीसदी यानि 1 लाख 62 हजार 800 कार्ड निरस्त किया जा चुके हैं। स्टेट हेल्थ एजेंसी (सांची) के लिए काम कर रही विडाल हेल्थ एजेंसी ने इन कार्डों को जन्म तिथि व निवास जाती बदलने के आधार पर किया है। जिसमें सबसे अधिक कार्ड शादी-शुदा लड़कियाों के शामिल हैं। शादी के बाद उनके आधार में पता और जाति बदल जाने पर यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा 2011 की जनगणना के अनुसार जिन बुजुर्गों की जन्मतिथि उनके आधार से मैच नही हो रही है। उनके आयुष्मान कार्ड भी कैंसिल कर दिए गए हैं।

धीरे धीरे सामने आ रहे मामले

आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों के कार्ड 2011 की जनसंख्या के आधार पर बनाए गए थे। इस दौरान लाभार्थियों के पास प्रधानमंत्री की ओर से पत्र भी भेजा गया था। लेकिन इसके बाद जब आधार कार्ड तेजी से बनने लगे तो सच सामने आने लगा। जिसने पूर्व में अपनी जन्मतिथि 1950 दर्ज कराई थी वह आधार में 1960 लिखी हुई है। इसके अलावा लड़कियों ने भी शादी के बाद अपने निवास और जाति को आधार में अपडेट नही कराया, जिसके चलते उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया।

ऐन वक्त पर लगेगा झटका

जो लाभार्थी हैं उन्हें अभी इस बारे में जानकारी नही है। उन्हें झटका तब लगेगा जब वह अस्पताल में इलाज कराने जाएंगे और बताया जाएगा कि कार्ड निरस्त हो चुका है। ऐसे में कठिन समय में इलाज नही मिलने से उनकी जान पर बन सकती है। बता दें कि पहले से भी आयुष्मान कार्ड को लेकर कई प्रकार के विवाद चल रहे हैं। अस्पतालों ने इलाज के बाद आयुष्मान योजना के तहत भुगतान नही होने पर मरीजों का इलाज करना लगभग बंद कर दिया है। कई अस्पतालों का लाखों रुपए का भुगतान फंसा हुआ है। कुछ मामलों में यह भी देखने में आया कि इलाज होने के तीन से चार माह बाद कोई न कोई कारण बताकर क्लेम ही कैंसिल कर दिया गया। कार्ड का निरस्तीकरण स्टेट हेल्थ एजेंसी सांची के लिए काम करने वाली विडाल हेल्थ एजेंसी ने किया है। वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। जिसमें बीपीएल, लाल अंत्योदय और भवन एवं सन्निर्माण कार्ड धारक शामिल हैं।

वर्जन

कार्ड तो निरस्त किए जा रहे हैं, लेकिन समस्या यह है कि जानकारी नही होने पर मरीजों और अस्पतालों के बीच विवाद हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए सांची को पत्र भेजा गया है। जिससे लाभार्थियों को योजना का लाभ भली प्रकार से उपलब्ध कराया जा सके।

डॉ। राजेश सिंह, एसीएमओ व आयुष्मान योजना नोडल, स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज