प्रयागराज (ब्यूरो)। रेलवे की एनटीपीसी भर्ती प्रकिया पिछले साल से चल रही है। वर्तमान समय में रिटेन क्लीयर कर चुके छात्रों का फिजिकल टेस्ट चल रहा है। इसके लिए डीएसए ग्राउंड पर कैंडीडेट्स को बुलाया गया है। मंगलवार को रिपोर्टर पड़ताल करने के लिए पहुंचा तो तमाम अभ्यर्थी ऐसे मिले जो पीजी, बीएड और बीटेक जैसी डिग्रियां हासिल कर चके हैं। पीसीएस व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों की भी संख्या यहां कम नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से इन प्रतियोगियों ने पूरी बात तो की लेकिन फोटो खिंचवाने की बारी आयी तो हाथ जोड़ लिया। कहा, नौकरी मिल जाने दीजिए तब सबको पता चल जाएगा। फिजिकल में क्वालीफाई नहीं कर पाए तो खुद ही सोचिए लोग क्या कहेंगे। डीएसए ग्राउंड पर रेलवे ग्रुप-डी के अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट सोमवार से शुरू हुआ है। यहां दो फरवरी तक बीच गैप देकर यह टेस्ट चलेगा। इस बीच तकरीबन 1500 अभ्यर्थियों का यहां फिजिकल टेस्ट होगा। मंगलवार को इस परीक्षा में शामिल आए सभी अभ्यर्थियों से सबसे पहले रेत से भरी 35 किलो की बोरी उठवा चलाया गया। इस वजन को लेकर दो मिनट में सौ मीटर की दूरी अभ्यर्थियों को तय करनी थी। इसमें तमाम पास हुए तो कई फेल भी हो गए। इसी के साथ चार मिनट 15 सेकंड में एक हजार मीटर दौड़ भी लगवाई गई। दौड़ में भी कुछ पास तो कई फेल हुए। हालांकि देर शाम तक पास और फेल हुए अभ्यर्थियों की संख्या बताने वाला कोई नहीं था।
35 किलो रेत से भरी बोरी उठाकर सौ मीटर की दूसरी करनी है तय
02 मिनट का टाइम अधिकतम मिल रहा है कैंडीडेट्स को
4.15 मिनट में एक हजार मीटर की दौड़ करनी है पूरी
02 फरवरी तक चलेगा रेलवे ग्रुप-डी का फिजिकल टेस्ट
अभ्यर्थियों की शिक्षा और चाहत
आशीष कुमार पटेल बलिया खेवराजपुर के निवासी हैं। वह पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं।
औरैया बबुरी निवासी आदेश कुमार बीएड कर चुके हैं। कहते हैं कि पहले जो नौकरी मिल जाय वही सही।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले राजस्थान धौलपुर के रहने वाले अभ्यर्थी रवि कुमार जाटव भी परीक्षा दिए और पास किए।
एसएसी की पढ़ाई करने के बाद इस बेरोजगारी में अजय राज निवासी कानपुर खास भी यहां परीक्षा दिए
जेपी रावत निवासी लखनऊ यूपी पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं, अफसर का ख्वाब देख रहे जेपी भी इस परीक्षा का हिस्सा रहे।
यह तो महज एक उदाहरण मात्र हैं, इसी तरह तमाम अभ्यर्थी ऐसे रहे जो या तो तैयारी कर रहे या अच्छी शिक्षा ले चुके हैं
अभ्यर्थियों से इस सवाल पर कि आप पढ़ाई किस कॉलेज से कर रहे या किए तो सभी बताने से इंकार कर दिए
कहना था आप को हमारी डिटेल लेनी है या फिर कॉलेज की, ज्यादातर तो कुछ बताने और फोटो देने से भी कतराते रहे
बीएड करने के बावजूद अब तक कोई नौकरी नहीं मिली। एक तो सरकारी नौकरी के लिए वांट बहुत कम आती है। अब ऐसी स्थित और बेरोजगारी के दौर में भी जो सपोर्ट के लिए पहले मिल जाय वही सही।
आदेश कुमार, बबुरी औरैया
हमें जॉब की सिक्योरिटी चाहिए। फिर वह कोई भी जॉब हो। प्राइवेट नौकरी से तो यह नौकरी बेहतर ही है। आज वह वक्त नहीं कि एक लीक पर ही चला जाय। कोई भी जॉब छोटा बड़ा नहीं होता। सोच अच्छी होनी चाहिए
अजय राज, कानपुर खास
हम पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं। कई परीक्षाएं भी दे चुके हैं। एक परीक्षा दो तो कई साल रिजल्ट नहीं आते। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही है। अब रिजल्ट के इंतजार में तो बैठे नहीं रहेंगे। इसलिए सपोर्ट के लिए जो भी नौकरी मिल जाय वही सही। फिर पीसीएस के रिजल्ट आएंगे तो देखा जाएगा।
जेपी रावत, लखनऊ
रेलवे की नौकरी है, यही मिल जाय वही सही। वैसे तो हम लेखपाल सहित अन्य कई परीक्षाएं दे रखे हैं। उसके इंतजार में बैठे रहना बुद्धिमानी तो है नहीं। अब मौका था इस लिए फार्म भर दिए थे। फिजिकल टेस्ट दिए हैं हो जाएगा तो यही नौकरी कर लेंगे। हम इंजीनियरिंग कर रखे हैं।
अम्बोल, वाराणसी
लेखपाल से लेकर कई परीक्षाएं दे चुके हैं। रिजल्ट ही नहीं आ रहा है। पीसीएस की तैयारी करते हैं। यह भी परीक्षा दे रखे हैं। रिजल्ट आए तो कुछ पता चले। रेलवे ग्रुप डी के लिए आवेदन किया था। यहां फिजिकल टेस्ट देने आए हैं। क्या पता उन सबसे पहले यही नौकरी मिल जाय।
अर्पित वर्मा, स्वराज कॉलोनी बांदा