- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एकेडमिक काउंसिल में लिया गया फैसला

- स्वीकृत सीटों के अतिरिक्त कोटा देने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या जल्द ही बढ़ने वाली है। यूनिवर्सिटी की ओर से विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाने के लिए उनके लिए अलग से कोटा निर्धारित किया गया है। यूनिवर्सिटी विदेशी स्टूडेंट्स को दाखिले में अब 20 फीसदी सुपर न्युमरेरी कोटे के अन्तर्गत आरक्षण देगी। ये निर्णय भी यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में लिया गया है। जिससे यूनिवर्सिटी में विदेशी स्टूडेंट्स के दाखिले को प्रमोट किया जा सके।

2016 के बाद से कम हो रही थे विदेशी स्टूडेंट्स

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय

छात्र सलाहकार प्रो। एआर सिद्दीकी ने बताया कि वर्ष 2016 में यूनिवर्सिटी में कुल 131 विदेशी स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया था। लेकिन उसके बाद से लगातार साल दर साल यूनिवर्सिटी में विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या में कमी आ रही थी। विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या घटते -घटते वर्तमान में 31 स्टूडेंट्स तक पहुंच गई। चालू सेशन में ही कुल 11 विदेशी स्टूडेंट्स ने दाखिले के लिए आवेदन किया था। जबकि दाखिले के समय सिर्फ अफगानिस्तान और अफ्रीका से कुल 4 स्टूडेंट्स ने ही दाखिला लिया। पूरब के आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में विदेशी स्टूडेंट्स की घटती संख्या को देखते हुए प्रो। सिद्दीकी ने चिंता जाहिर करते हुए कुलपति प्रो। संगीता श्रीवास्तव को पूरे मामले की जानकारी दी। मामले में कुलपति ने आर्ट फैकेल्टी एचओडी प्रो। हेरंब चतुर्वेदी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। कमेटी में प्रो। सिद्दीकी के साथ ही प्रो। शांति सुंदरम को भी शामिल किया गया। कमेटी ने सुपर न्युमरेरी कोटे के तहत 20 फीसद आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार कर सात जून 2021 को कुलपति को सौंपा। इसके बाद वह मामला एकेडमिक काउंसिल के सामने रखा गया। जहां काउंसिल की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। काउंसिल की ओर से ये बात स्पष्ट कर दी गई है कि विदेशी स्टूडेंट्स को स्ववित्तपोषित कैटेगरी में दाखिला दिया जाएगा। प्रो। सिद्दीकी ने बताया कि इस फैसले से विदेशी स्टूडेंट्स के बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही यूनिवर्सिटी की रैकिंग पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा।

फीस के लिए गवर्नमेंट देती है बजट

प्रोफेसर सिद्दीकी ने बताया कि इंडियन काउंसिल आफ कल्चर रिलेशन (आइसीसीआर) के द्वारा विदेशी स्टूडेंट्स किसी भी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते है। तो उसके लिए गवर्नमेंट हर महीने 12 हजार रुपए की फेलोशिप जारी करती हे। साथ ही प्रति स्टूडेंट्स सरकार 1100 डालर यानी करीब 80 हजार रुपए यूनिवर्सिटी को फीस के रूप में देती है।

- यूनिवर्सिटी की ओर से विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाने के लिए उन्हें 20 फीसदी अतिरिक्त सुपर न्युमरेरी कोटा देने का फैसला लिया गया है।

प्रो। एआर सिद्दीकी

अंतरराष्ट्रीय छात्र सलाहकार, एयू