प्रयागराज ब्यूरो ।:वर्ष 2025 में संगम रेत पर बसाए जाने वाले तम्बुओं के शहर में आवागमन की सुविधा को लेकर मास्टर प्लान तैयार हो चुका है। महाकुंभ में बनाए जाने वाले पांटून पुल की मजबूती पर विशेष ध्यान है। इसी के दृष्टिगत इस पुल में डैमेज स्लीपर के पटरे का प्रयोग नहीं होगा। काम शुरू होने से पहले गोदाम में रखे गए स्लीपर की छटाई की जाएगी। आवश्यकता पडऩे पर पीपा के ऊपर बिछाए जाने वाले स्लीपरों की भी खरीद की जाएगी। फिलहाल कुछ स्लीपरों को खरीदने का प्लान प्रस्ताव में है। एनवक्त पर जरूरत पड़े तो काम में कोई रुकावट नहीं आए। श्रद्धालुओं के लिए बनाए जाने वाले इस पांटून पुल पर करीब दो सौ करोड़ यानी दो अरब रुपये खर्च किए जाएंगे। संगम के पास जहां कुंभ में चार पांटून पुल थे महाकुंभ में वहां पर सात पुल तैयार किया जाएगा। इसी तरह त्रिवेणी घाट से लवायन गांव के बीच गंगा नदी में छह पांटून पुल बनाने की योजना है।

पुल में लगेंगे नए स्लीपर व चकर-प्लेट
डीएम मेला विजय किरण आनन्द की अध्यक्षता में मेला तैयारी को लेकर बैठक हुई थी। महाकुंभ के दौरान गंदा नदी में बनाए जाने वाले पांटून पुल के प्रस्ताव और लागत पर चर्चा की गई थी। प्रस्तावित पांटून पुल की संख्या महाकुंभ में 30 बताई गई थी। इस पुल के निर्माण में करीब दो अरब रुपये के खर्च का अनुमान है। पांटूनपुल के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। बताते हैं कि इस महाकुंभ के वक्त गंगा में बाए जाने वाले 30 पांटून पुल ही शहर से मेला क्षेत्र में जाने के मुख्य साधन होंगे। इस लिए इस पांटूनपुल पर भीड़ भी पांच टन निर्धारित क्षमता से बढ़ सकती है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर पांटूनपुल के निर्माण में पुराने व डैमेज स्लीपर यूज नहीं किए जाएंगे। इस लिए पांटून पुल पर बिछाए जाने वाले यह लकड़ी के स्लीपर की खरीद की जाएगी। करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से नए स्लीपर मंगाने की योजना है। यह स्लीपर शीशम और सागौन के यह स्लीप असम, छत्तीसगढ़ व झारखंड से मंगा जाएंगे। स्लीपर की खरी बाकायदे टेंडर से की जाएगी। इसकी मानीटरिंग गठित किया जाने वाला सेल करेगा। चूंकि कुंभ मेला को चार हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा। क्षेत्र बढऩे से सड़कें भी बढ़ानी पड़ेंगी। इस लिए रेत में रोड बनाने के लिए 48 करोड़ रुपये से लोहे की चकर प्लेट की भी खरीदे जाएंगे। मंगाई जाने वाली यह नई चकर प्लेट को सबसे पहले पांटून पुल पर बिछाया जाएगा। इसके ताकि पुल की मजबूती बनी रहे। इसके बाद जो चकर प्लेट बचेंगी उसका प्रयोग मेला क्षेत्र में रोड निर्माण में किया जाएगा। चकर प्लेट की खरीद के लिए मेला प्रशासन द्वारा जल्द ही टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बताते हैं कि सबसे बड़ा पांटून पुल संगम से लवायन और झूंसी बनेगा। यहां बनने वाले छह पुल पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी तरह संगम के पास सात पांटून पुल का निर्माण होगा। जबकि कुंभ मेला में इस स्थान पर चार पांटून पुल बनाए गए थे। कुंभ में एक पांटून पुल फाफामऊ ब्रिज के पास भी बनाया गया था। मगर, वर्ष 2025 के महाकुंभ में दारागंज शास्त्री ब्रिज से फाफामऊ पुल तक कुल 17 पांटून पुल बनाए जाने का प्रस्ताव है।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या काफी होगी। इस लिए पांटून पुल पर भीड़ भी अचानक बढ़ सकती है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पांटून पुल की मजबूती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पीडब्लूडी को पांटून पुल के निर्माण की जिम्मेदारी दी जाएगी।
विजय किरन आनंद, कुंभ मेलाधिकारी