प्रयागराज (ब्यूरो)। नगर निगम की बिङ्क्षल्डग का निर्माण वर्ष 1864 में अंग्रेजों के शासनकाल में हुआ था। बिङ्क्षल्डग करीब 157 साल पुरानी हो गई और इस समय जीर्णोद्धार भी हो रहा है। रविवार की रात करीब आठ बजे लेखा विभाग की छत ढह गई। जिस हाल की छत गिरी है, उसमें दो महिला और चार पुरुष समेत छह कर्मचारी बैठते थे। रेकार्ड देखने के लिए दूसरे विभागों के लोगों का भी आना-जाना रहता था। नीचे पेंशन विभाग और ऊपर डूडा, स्वास्थ्य एवं जलकल विभाग में आने-जाने का यही रास्ता था। कहा जा रहा था कि छत के बीच में लगे लकड़ी के गार्डर के सड़ जाने के कारण उसके टूटने से यह घटना हुई। हर साल जीर्णोद्धार के नाम पर निगम प्रशासन लाखों रुपये खर्च करता था। ऐसे में छत के गिरने पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की छतें भी बारिश में टपकने लगती हैं। लेखा विभाग में कुल 29 कर्मचारी और छह अधिकारी कार्यरत हैं। अगर दिन में छत ढही होती तो बड़ा हादसा होना तय था। मुख्य अभियंता सतीश कुमार का कहना है कि छत में क्रैक भी नहीं था, अचानक हादसा हुआ।

बिङ्क्षल्डग डेढ़ सौ साल पुरानी है। जीर्णाेद्धार का भी काम चल रहा है। छतों की तुड़ाई की धमक से यह घटना हुई है। लेखा के अलावा अधिष्ठान विभाग को भी शिफ्ट करने के लिए कहा गया है।
अभिलाषा गुप्ता, मेयर

बताशा मंडी में जर्जर मकान ढहाया गया
कोतवाली एरिया के बतासा मंडी में बने जर्जर मकान को नगर निगम द्वारा ढहवा दिया गया। बताया जाता है कि इस मकान की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी थी और खाली करने का आदेश होने के बाद भी न तो मकान मालिक खाली करने को तैयार थे और न ही किरायेदार। खतरे की संभावना बढऩे पर यह फैसला नगर निगम ने लिया। बिल्डिंग ढहाने के फैसले का दुकानदारों ने विरोध भी किया लेकिन बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी से विरोध प्रभावी नहीं हो पाया।