- कोरोना काल के दौरान जितने भी मुकदमे पेंडिंग है, उस पर फोटो एफिडेविट किया गया है अनिवार्य

- मंगलवार से फोटो एफिडेविट बनने का शुरू हुआ काम, सुबह से ही वादकारियों की लगी लम्बी कतार

PRAYAGRAJ: लगभग एक साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट फिर से पूरी तरह से खुल गया है। वहीं एक साल के अंदर यानी कोरोना काल में जितने भी मुकदमे पेंडिंग हैं उसके लिए कोर्ट की ओर से फोटो एफिडेविट अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए सभी वादियों को 31 मार्च तक फोटो एफिडेविट सबमिट कराने का समय दिया गया है। वहीं वकीलों की पिछले दिनों हड़ताल की वजह से कोई कामकाज नहीं हो पा रहा था, इस वजह से फोटो आईडेंटीफिकेशन भी नहीं बन रहा था। मंगलवार को काफी दिनों बाद फोटो एफिडेविट बनाने का काम शुरू हुआ तो लोगों की जबर्दस्त भीड़ रही।

31 मार्च है फोटो एफिडेविट की लास्ट दिन

दरअसल कोरोना काल में जो भी केस पेंडिंग है, उसके लिए फोटो एफिडेविट अनिवार्य कर दिया गया है। उसी को लेकर अब वादकारियों का मंगलवार को जमावाड़ा लगा। वकीलों की हड़ताल की वजह से काम नहीं हो पाने के कारण मंगलवार को खुले काउंटर पर जबर्दस्त भीड़ देखने को मिली। अब चूंकि मात्र 15 दिन ही फोटो एफिडेविट बनाने के लिए शेष है। उल्लेखनीय है कि फोटोएफिडेविट बनाने की लास्ट डेट 31 मार्च रखी गई है।

भूखे-प्यासे खड़े रहे घंटों

पेट और प्यासे सैकड़ों लोग मंगलवार को कतार में घंटों खड़े रहे। लाइन में लगे इन लोगों के चेहरे की चमक गायब थी। सभी पसीना-पसीना थे। बुजुर्ग से लेकर युवा व अधेड़ सभी की दशा एक जैसी रही। लोग अव्यवस्था को कोसते रहे। आलम यह था कि तमाम लोगों के पांव में खड़े-खड़े सूजन आ गई। जिनके पांव भर आए वे कतार में ही जमीन पर बैठ गए। सभी इतने परेशान थे कि मन में बस किसी तरह गेट तक पहुंचने के सिवाय कुछ नहीं सोच रहे थे। कुछ ऐसे भी लोग थे जो लोग जबरिया लाइन में अपनों को बीच में खड़ा करा रहे थे। कई घंटे से बारी के इंतजार में खड़े लोगों के बीच इस बात को लेकर जबरदस्त गुस्सा था। सुरक्षा में लगाए गए पुलिस के जवान ऐसे लोगों को पब्लिक के विरोध पर कतार खींच कर बाहर करते रहे। परेशान ये सभी लोग हाईकोर्ट में मुकदमें के लिए फोटो एफीडेविट बनवाए यहां आए हुए थे।

इस प्रकार बनता है फोटो एफिडेविट

- फोटो एफिडेविट के लिए शुल्क मात्र 70 रुपये हैं।

- फोटो एफिडेविट के लिए अपने अधिवक्ता का एडवोकेट नंबर मांगे गए

- वादी के फोटो युक्त पहचान पत्र की मूल प्रति जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी जरूरी है

मेरा मुकदमा हाईकोर्ट कोर्ट में चल रहा है। फिर से फोटो एफिडेविट मांगी गई है। इसी को बनवाने के लिए यहां सुबह नौ बजे से कतार में खड़ा हूं।

जय प्रकाश, करकी सोनभद्र

भोर चार बजे का घर से निकला हूं। केवल एक कप चाय पी है। कतार इतनी लंबी है कि लगता है नंबर आने में ही शाम हो जाएगी।

राम प्रकाश सिंह, मुगलसराय

लाइन में खड़े-खड़े पांव भर आया है। इतनी भीड़ है। फिर भी पानी तक का इंतजाम नहीं है। फोटो एफिडेविट बनवाने की मजबूरी है।

दयाराम साहनी, महाराजगंज आजमगढ़

नौचंदी से सुबह यहां आए हैं। 11.30 बजे फोटो एफिडेविट बनवाने के लिए लाइन में लग गए। ढाई बज रहे हैं काउंट तक पहुंचने में करीब एक डेढ़ घंटे अभी लगने की उम्मीद है।

काशिम अली, बनत कस्बा शामली

मेरा 2020 का एक मुकदमा है। बताया गया कि फोटो एफिडेविट लगना जरूरी है। मैं सुबह दस बजे से लाइन में लगा हूं।

जहूर अली, खेड़ा शिलाजीत

कुछ लोग हैं जो नियम को तोड़कर बीच में आ जा रहे हैं.हम सब तो बाहर से आए हैं। ऐसे लोगों का न तो विरोध कर सकते हैं और न ही शिकायत।

राम कृपाल वर्मा, कटरा जिला बांदा

एक बार मैं फोटो एफिडेविट बनवा चुका था। यह दोबारा लाइन में मुझे लगना पड़ा। क्योंकि वकील साहब कुछ करेक्शन के लिए कहे हैं।

प्रतीक कौशल, उरई जालौन