प्रयागराज (ब्यूरो)। सबसे पहले मेला की सुरक्षा पर चर्चा शुरू हुई। एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी द्वारा मेला क्षेत्र में 13 थाने और 36 चौकियां बनाने की बात कही गई। उन्होंने सुझाव दिया कि घाट पर मुख्य पर्वों के दिन भीड़ बढ़ जाती है, क्योंकि लोग घाट पर ही कपड़े रखकर बारी-बारी स्नान करते हैं। ऐसा इस लिए क्योंकि एक कपड़े की रखवाली करता है तो दूसरे लोग स्नान करते हैं। जब वे आते हैं तो कपड़ों की रखवाली करने वाला स्नान के लिए जाता है। ऐसी स्थिति में स्नान कर चुके लोग भी उसके इंतजार में घाट पर रुके रहते हैं। इसलिए कुछ ऐसी व्यवस्था जहां लोग सामान व कपड़े सुरक्षित रखकर साथ स्नान करें और चले जाएं। मेला क्षेत्र में आने वाले भिखारियों के लिए एक जगह निर्धारित कर दी जाय। ताकि वह पूरे मेला और घाट पर घूमकर लोगों से भीख नहीं मांगे। जिसे उन गरीबों भिखारियों को दान करना हो वे उस स्थान पर जाकर ही दान करें। मेला क्षेत्र के मुख्य चौराहों, मार्केट और घाट पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाने लगाए जाने की भी बात कही। यह भी कहा कि महिलाओं को कपड़े चेंज करने के लिए घाट किनारे चेजिंग रूम भी बनाए जाय।

फर्जी पंडा को रोकने पर जोर

एसएसपी ने कहा कि मेला लगते ही तमाम लोग पण्डा बनकर पहुंच जाते हैं। वह घाट पर ही बैठ जाते हैं। ऐसे लोगों पर रोक लगाई जाय। अॅथराइज पंडा जिनकी चौकियां हमेशा वहां लगती हों उन्हें ही अनुमति दी जाय। इसके लिए बाकायदा प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों को कार्ड जारी करे। इनकी भी चौकिंया दूर-दूर और घाट से हटकर लगवाई जाएं। इस व्यवस्था में दिक्कत न आए इसके लिए पंडा समाज के साथ भी एक बैठक बुलाई जाय।

भण्डारा स्थल भी बनाने का सुझाव

मेला क्षेत्र में जगह-लगह लोग जहां चाहते हैं वहीं पर रोड किनारे भण्डा शुरू कर देते हैं। ऐसे में जाम की स्थिति बन जाती है। गंदगी जो फैलती है वह अलग। इससे निपटने के लिए डीआईजी/ एसएसपी ने कहा कि मेला क्षेत्र में जगह- जगह रोड व चौराहों से हटकर भण्डारा स्थल भी चिन्हित किया जाय। जहां पर लोग जाए और भण्डारे का आयोजन करें। उन स्थानों पर सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगा दी जाय वह भण्डारे के बाद हुई गंदगी तुरंत साफ करें।